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Ayodhya Land Dispute : अयोध्या के साधु-संत नाराज, कहा- जांच के बाद दोषियों से हो पाई-पाई की रिकवरी

Ayodhya Sadhu saint demands for investigation- संतों का कहना है कि राम मंदिर के लिए जमीन खरीद मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये

अयोध्याJun 17, 2021 / 07:59 pm

Hariom Dwivedi

Sadhu saint demands investigation in Ayodhya Land Dispute
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
अयोध्या. Ayodhya Sadhu saint demands for investigation- जमीन खरीद मामले में राम मंदिर ट्रस्ट पर लगे आरोपों को लेकर अब संत समाज भी मुखर होने लगा है। संतों के मुताबिक, मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और हनुमान गढ़ी के पुजारी राजू दास ने भी जांच की मांग की है। उनका कहना है कि दोषियों से पाई-पाई की रिकवरी के बाद उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। एक दिन पहले ही रामालय ट्रस्ट के अध्यक्ष अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ट्रस्ट को सीधे तौर पर कठघरे में खड़ा करते हुए चंपतराय और डॉ. अनिल मिश्रा को पदमुक्त करने की मांग की थी।
रामलला के पैसे का दुरुपयोग उचित नहीं : रामलला के मुख्य पुजारी
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि 2 करोड़ की भूमि अगर 18.5 करोड़ में खरीदी गई है तो इस पर संशय तो होगा ही। जांच के बाद ही सच सामने आयेगा। उन्होंने कहा कि दान में जो पैसा आया है वह रामलला का है और इस पर उनका ही पूरा अधिकार है। किसी प्रकार उसका दुरुपयोग करना उचित नहीं है।
मामले की सीबीआई से जांच कराई जाये : हनुमान गढ़ी के पुजारी
हनुमान गढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर विषय है। खजाने में जमा धनराशि को रामभक्तों ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए दिया था। अगर बिचौलिये इस पैसे को खा रहे हैं तो यह दुर्भाग्य है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह से मांग करता हूं कि इस मामले में सीबीआई जांच हो। इतना ही नहीं राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा जहां कहीं भी जमीन खरीदी गई है, उन सभी जमीनों के सत्यता की जांच की जाए। आरोप सिद्ध होने पर दोषियों से धन की रिकवरी की जाए और सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
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विरोध के लिए मिला 100 करोड़ का ऑफर : महंत परमहंस दास
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि गुरुवार सुबह सात बजे दो व्यक्ति पहुंचे और मुझे ट्रस्ट और बीजेपी का विरोध करने के लिए 100 करोड़ का ऑफर दिया। जब मैं नहीं माना तो आप और कांग्रेस की जीत पर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने तक का प्रलोभन दिया, लेकिन मैंने कहा कि मैं एक संत हूं। मेरे लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है। इसके बाद वह दोनों चले गये। महंत ने कहा कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को इन लोगों ने खरीद लिया है, जिसके बाद उनके अनुयायी ट्रस्ट और बीजेपी के विरोध में भी जुट गए हैं।
ट्रस्ट के गठन के समय से ही नाराज थे अयोध्या के संत
5 फरवरी 2020 को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठन किया गया था। ट्रस्ट में अयोध्या के संतों को शामिल न किए जाने से नाराजगी भी रही है। इस बीच संतों को मानने के लिये कई प्रयास किये गए, लेकिन अभी तक संत समाज पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। अब जमीन विवाद सामने आने के बाद एक बार फिर संत ट्रस्ट से नाराज हैं लेकिन, कई हिन्दू संगठनों से जुड़े होने के कारण खुलकर सामने नही आ रहे हैं।

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