क्यों हो रही नामांकन में देरी ?
उम्मीदवार 17 जनवरी 2025 तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं। हालांकि, वर्तमान में चल रहे खरमास के चलते प्रमुख राजनीतिक दलों के 14 जनवरी से पहले नामांकन दाखिल करने की संभावना कम है। भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। उम्मीदवार का चयन 15 जनवरी तक किया जा सकता है।
मिल्कीपुर ने खूब बटोरी सुर्खियां
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में स्थित मिल्कीपुर कब राजनीति का केंद्र बन जाएगा, यह शायद किसी ने नहीं सोचा था। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद की जीत के साथ ही मिल्कीपुर ने राजनीतिक गलियारों में अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी थी। इसके बाद, 2024 के आम चुनाव में जब अवधेश प्रसाद सांसद बने, तो यह विधानसभा सीट खाली हो गई और मिल्कीपुर ने प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में सुर्खियां बटोरी। किसने खरीदा नामांकन पत्र
मिल्कीपुर (अनुसूचित जाति) विधानसभा सीट के उपचुनाव की नामांकन प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो गई। पहले दिन कुल चार प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र खरीदे। इनमें से दो प्रत्याशियों ने चार-चार सेट और दो ने दो-दो सेट नामांकन पत्र लिए। मौलिक अधिकार पार्टी की ओर से रामनरेश चौधरी ने नामांकन पत्र खरीदा, जबकि समाजवादी पार्टी से अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद और अमित प्रसाद के नाम से भी नामांकन पत्र लिए गए। इसके अलावा, एक निर्दलीय प्रत्याशी कंचन लता ने भी नामांकन पत्र खरीदा।