सीएम योगी ने बनाई थी योजना आपको बता दें कि सरकार बनने के बाद अप्रैल 2017 में सीएम आदित्यनाथ ने अयोध्या एयरपोर्ट का विकास दो चरणों में करने की योजना बनाई थी। इसके लिए टेक्नो-इकनॉमिक सर्वे कराया गया। पहले अयोध्या एयरपोर्ट को एटीआर-72 और ए-321, 200 सीटर विमानों के संचालन के लिए विकसित करने की योजना थी। बाद में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस एयरपोर्ट को बोइंग-777 विमानों के संचालन के योग्य बनाने का भी ऐसान किया। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पिछले साल 5 मई को अयोध्या हवाई अड्डे की फिजिबिलिटी सर्वे रिपोर्ट योगी सरकार को सौंपी थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण में ए-321 विमानों के संचालन के लिए 463.10 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। इसमें रन-वे की लंबाई 3,125 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। दूसरे चरण में बोइंग 777 जैसे बड़े विमानों के संचालन के लिए 122.87 एकड़ अतिरिक्त जमीन की जरूरत होगी। इसमें रन-वे की लंबाई 3,750 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी।
600 एकड़ जमीन की जरूरत इसके अलावा एयरपोर्ट के संचालन और सुरक्षा से जुड़े कर्मचारियों के आवासीय क्षेत्र के लिए आसपास 15 एकड़ भूमि की जरूरत है। इस तरह एयरपोर्ट के लिए कुल 600 एकड़ जमीन की जरूरत क मुताबिक जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है। अयोध्या में बन रहे इस एयरपोर्ट को योगी सरकार अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के मानकों के तहत तैयार करा रही है। दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार रामनगरी अयोध्या को नंबर वन धार्मिक पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित कर रही है। एयरपोर्ट का निर्माण दिसंबर 2021 तक पूरा करने की तैयारी है। राम मंदिर के भव्य निर्माण के बाद यहां पर श्रद्धालुओं को तांता लग जाएगा। अंतरराष्ट्रीय श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी संख्या यहां पर आने की उम्मीद है। यहां एयरपोर्ट बन जाने से अयोध्या के साथ इसके आस-पास के पर्यटन स्थल भी विकसित होंगे।