बाप डॉक्टर-मजिस्ट्रेट, बेटे जी रहें सन्यासियों का जीवन, कर रहें वेद-मंत्रोच्चार
Ayodhya News: पीली रंग की धोती पहने, सिर मुंंडाए और चाणक्य जैसी चोटी रखे बच्चे जो धाराप्रवाह संस्कृत के साथ ही अंग्रेजी बोलने में भी अव्वल हैं। अयोध्या में एक ऐसा गुरुकुल भी है जहां के बारे में जानकार आप हैरान हुए बिना नहीं रहेंगे।
बाप डॉक्टर-मजिस्ट्रेट, बेटे जी रहें सन्यासियों का जीवन, कर रहें वेद-मंत्रोच्चार
Ayodhya News: पीली रंग की धोती पहने, सिर मुंंडाए और चाणक्य जैसी चोटी रखे बच्चे जो धाराप्रवाह संस्कृत के साथ ही अंग्रेजी बोलने में भी अव्वल हैं। अयोध्या में एक ऐसा गुरुकुल भी है जहां के बारे में जानकार आप हैरान हुए बिना नहीं रहेंगे। अगर आप सोचते हैं कि गुरुकुल के वेदपाठी बच्चे सिर्फ पूजा-पाठ और वेदमंत्र ही जानते हैं तो आप गलत हैं। अयोध्या के श्रीगुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ में बच्चों को कर्मकांड, वेदमंत्र, ज्योतिष के अलावा अंग्रेजी से लेकर आधुनिक विज्ञान और कम्प्यूटर तक पर महारत हासिल है। धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते ये वेठपाठी बच्चे आपको हैरान कर देंगे। अयोध्या दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए ऐसे ही लगभग पचास बच्चे राम की पैड़ी पर घाट संख्या 32 पर मिले। सभी ने पीले रंग की धोती पहन रखी थी और माथे पर भस्म चंदन लगाए बड़े आराम से बैठे थे। ये बच्चे बैठे क्यों हैं जब मैने इनके आचार्य रोहित शुक्ला से पूछा तो बताते हैं कि शुभ मुहुर्त का इंतजार कर रहे हैं। राम की पैड़ी के घाट संख्या 32 पर भी लाखों दीपक सजाए गए हैं जो इन बच्चों के द्वारा प्रज्ज्वलित किया जाना है।
देश के सभी राज्यों के बच्चे यहां पढ़ते हैंविद्यालय के प्रधानाचार्य नीरज ओझा भी थोड़ी दूर पर बैठे हैं। वह बताते हैं कि गुरुकुल में देश के सभी राज्यों के करीब 120 बच्चे वेद, आधुनिक विज्ञान, ज्योतिष से लेकर कम्प्यूटर तक की पढ़ाई करते हैं। बातचीत के दौरान वह बताते हैं कि आम धारणा है कि आर्थिक रुप से निर्बल वर्ग के बच्चे ही गुरुकुल में पढ़ते हैं लेकिन हमारे यहां आपको ज्यादातर बच्चे ऐसे मिलेंगे जिनके पिता डाक्टर या मजिस्टे्रट हैं। उन्होंने कुछ बच्चों की तरफ संकेत भी किया।
गुरुकुल में सिर्फ प्रथमा, मध्यमा तक पढ़ाई होती राजस्थान और हरियाणा के इन वेदपाठी बच्चों से जब मैने पूछा आपके पापा क्या करते हैं तो वह शर्माते हैं। कहते हैं पापा डाक्टर है, मेडिकल कॉलेज में। आगे कोई बात पूछने पर कहते हैं गुरुजी से बात कर लिजिए। आचार्य रोहित शुक्ला कहते हैं कि हमारे गुरुकुल में तो सिर्फ प्रथमा, मध्यमा तक पढ़ाई होती है। आगे की पढ़ाई के लिए हम दूसरे राज्यों में भी बच्चों को भेजते हैं। कुछ बच्चे सिद्धांत लघु कौमिदी की पढ़ाई करने कर्नाटक भी गए हैं। इनको सभी विषय पढ़ाया जाता है, कम्प्यूटर और साफ्टवेयर वगैरह तो बच्चों के लिए सामान्य बात है।
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