नई दिल्ली। दुनिया के हर कोने में हरेक कार ड्राइवर चाहता है कि उसकी कार बेहतर माइलेज दे। दुनियाभर में पेट्रोल-डीज़ल की ऊंचाई चुटी कीमतों से सभी परेशान हैं। ऐसे में अपनी माइलेज में सुधार करके पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमत से कुछ राहत मिल सकती है। ऐसे कई आसान उपाय हैं, जिनसे फ्यूल माइलेज को बेहतर बनाया जा सकता है। आइए एक नज़र डालते है ऐसे ही कुछ आसान उपायों पर, जिनका इस्तेमाल करके कार का माइलेज बढ़ाया जा सकता है।
1. उचित टायर प्रेशर मेंटेन करें अपनी कार के टायरों में उचित प्रेशर मेंटेन करना कार के माइलेज को बेहतर बनाने के आसान उपायों में से एक है। इसके लिए ज़रूरी है कि टायरों में सही से हवा भरी जाए। साथ ही टायरों पर स्टिकर न लगाते हुए इसकी जगह ड्राइवर मैनुअल का इस्तेमाल या ड्राइवर डोर (दरवाज़े) पर स्टिकर लगाना चाहिए। इसके साथ ही कार में एक सस्ता टायर प्रेशर गेज़ होना भी माइलेज के लिए अच्छा होता है।
2. कार में स्टॉक टायर साइज़ का इस्तेमाल करें कार में स्टॉक टायर साइज़ का इस्तेमाल करें – कार के माइलेज को बेहतर बनाने के लिए स्टॉक टायर साइज़ का इस्तेमाल करना चाहिए। कार कंपनियां अपनी कारों पर ऐसे स्टॉक साइज़ टायर लगाती हैं जिनसे ग्राहकों को अच्छी फ्यूल इकोनॉमी मिल सके। ऐसे में टायर की साइज़ में अनावश्यक बदलाव नहीं करना चाहिए।
3. व्हील अलाइनमेंट की जांच व्हील (टायर) अलाइनमेंट की जांच की सुविधा ज़्यादातर टायर और ऑटो शॉप्स पर फ्री में दी जाती है। इस जांच से भी कार के माइलेज को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। अगर टायर सीधे और वर्टिकल रेंज में घूमते हैं तो ड्राइव के समय कम रेसिस्टेन्स का इस्तेमाल होता है, जिसकी वजह से फ्यूल का कम इस्तेमाल होता है। इससे माइलेज में सुधार होता है।
4. ड्राइव स्पीड में कंसिस्टेंसी बनाए रखें ड्राइव स्पीड में कंसिस्टेंसी बनाए रखें – इंजन लोड को कम करने और माइलेज को बेहतर बनाने के लिए जहां तक हो सके, ड्राइव स्पीड में कंसिस्टेंसी बनाए रखनी चाहिए। स्पीड को अनावश्यक कम-ज़्यादा करने से कंसिस्टेंसी बरकरार नहीं रहेगी। इससे इंजन पर लोड बढ़ता है और फ्यूल की खपत बढ़ती है। ऐसे में कार के माइलेज में सुधार लाने के लिए स्पीड कंसिस्टेंसी बनाए रखनी चाहिए।
5. ज़्यादा तेज़ स्पीड पर ड्राइव न करें तेज़ स्पीड में ड्राइव करने से इंजन पर लोड बढ़ता है और फ्यूल की खपत बढ़ती है। ऐसे में इससे बचना चाहिए, जिससे कार के माइलेज को बेहतर बनाया जा सकता है।
6. ड्राइव मोड में बदलाव ड्राइव मोड में भी ज़रूरत के अनुसार बदलाव करने से माइलेज को बेहतर बनाया जा सकता है। जैसे कि ‘इको’ मोड का इस्तेमाल करने से फ्यूल इकोनॉमी में सुधार होगा और इसकी खपत कम होगी। इससे माइलेज बेहतर होगा। साथ ही ‘क्रूज़ कंट्रोल’ मोड का इस्तेमाल करने से इंजन पर पड़ने वाला लोड कम होता है और माइलेज में सुधार होता है।
7. इंतज़ार करते समय बंद रखें कार का इंजन ट्रैफिक लाइट पर रुकते समय, पार्किंग प्लेस में या फिर किसी का इंतज़ार करते समय कार का इंजन बंद कर देना चाहिए। इससे फ्यूल की बर्बादी नहीं होगी, इंजन पर लोड कम पड़ेगा और साथ ही माइलेज में भी सुधार आएगा।
8. ट्यून-अप कार के सही मेंटेनेंस, खास तौर ट्यून-अप से कार की परफॉर्मेन्स में भी सुधार होता है। इंजन परफॉर्मेन्स, फ्यूल एफिशिएंसी, इग्निशन सिस्टम में अगर कोई कमी है, तो ट्यून-अप की मदद से उसे दूर किया जा सकता है। इससे कार के माइलेज को भी बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
9. कार में फालतू का सामान न रखें कार का वज़न ज़्यादा होने से इंजन पर लोड भी बढ़ता है और फ्यूल की खपत भी बढ़ती है। ऐसे में ज़रूरी है कि कार में फालतू का सामान न रखा जाए। जिस सामान की ज़रूरत न हो, उसे कार में नहीं रखना चाहिए। साथ ही कार के ट्रंक (डिग्गी) को भी भरकर नहीं रखना चाहिए। कार में फालतू का सामान न रखने से भी कार के माइलेज में सुधार होता है।
10. गियर पोज़िशनिंग कार के माइलेज में गियर पोज़िशनिंग की भी अहम भूमिका होती है। कार के तेज़ होने पर लो गियर में फ्यूल की ज़्यादा खपत होती है। ऐसे में गियर को ज़्यादा खींचे बिना हाई गियर में शिफ्ट करना चाहिए। अगर इंजन सही से पुल नहीं करता, तो थ्रॉटल को दबाने के बजाय गियर को नीचे शिफ्ट करें। 2,000 RPM (पेट्रोल) और 1,500 RPM (डीज़ल) पर गियर शिफ्ट करने से स्पीड और इकोनॉमी का अच्छा कॉम्बिनेशन मिलता है। इससे कार के माइलेज में भी सुधार होता है।