शुरू हो जागरूकता अभियान
ईवी निर्माताओं की स्पेक्ट्रम की आपूर्ति और मांग दोनों पक्षों पर कुछ मांगें हैं। इस दिशा में आज लिया गया कोई भी फैसला लोगों को सस्ते और सुलभ ईवी की ओर ले जाएगा। अगर बात करें कि ईवी उघोग इस सेगमेंट से क्या चाहता है, तो वर्तमान में EV’s को अपनाने में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक उपभोक्ता जागरूकता और विश्वास की कमी है। ऐसे में सरकार को विभिन्न चैनलों के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रमों की शुरुआत और निवेश करना चाहिए।”
ईवी चार्जिंग स्टेशन और बैटरी निर्माण पर जोर
इसके अलावा सरकार को इलेक्ट्रिक वाहनों की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए देश भर में ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे को पेश करने की जरूरत है। वहीं अगर देश में बैटरी निर्माण संयंत्र स्थापित करने पर जोर दिया जाए तो इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे। क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में बैटरी सबसे बड़ा खर्च होती है। वहीं भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र इलेक्ट्रिक सेगमेंट को प्रोत्साहन और सब्सिडी के कारण 24% की औसत दर से तेजी से बढ़ रहा है।” ऐसे में उम्मीद है इसे जारी रखा जाएगा।
टैक्स पर हो सकता है ऐलान
एक और मुद्दा जो ईवी क्षेत्र को परेशान करता है, वह है, इलेक्ट्रिक कारों, बाइक और स्कूटरों पर लगाया जाने वाला 5% कर लगाया जाता है, वहीं ईवी के बैटरी पैक जैसे घटकों पर 18% की उच्च दर से कर लगाया जाता है।जिसके चलते कंपनियां की लागत बढ़ती है, और इसका सीधा असर ईवी की कीमत पर पड़ता है।