नगर के मोहल्ला जवाहर नगर निवासी एक महिला को विगत एक सप्ताह से बुखार आ रहा था। महिला प्राइवेट तौर पर उपचार करा रही थी। आराम न मिलने पर उसने कई चिकित्सकों को दिखाया। फिर भी आराम नही मिला। रविवार को वह बाईपास रोड स्थित एक पूर्व चिकित्साधिकारी से दवा लेने गई। जहां पर पूर्व चिकित्साधिकारी ने महिला के शरीर पर छोटे-छोटे धब्बे देख मंकी पाक्स की संभावना जताया। महिला ने हाथ और पैर के तलवों में तेज दर्द बताया। जिस पर पूर्व चिकित्साधिकारी ने इसकी जानकारी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन वालों को फोन पर दी। एहतियातन महिला का सैंपल लेकर जांच कराने की बात कही। साथ ही महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिधूना भेज दिया। जानकारी मिलते ही वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और जिले का स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो उठा। सीएमओ डॉक्टर अर्चना श्रीवास्तव ने महिला का सैंपल लेने के लिए जिला अस्पताल से डॉक्टर सरफराज को बिधूना भेजा। जिन्होंने बिधूना अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर संकल्प दुबे और एलटी अंकिता त्रिपाठी के सहयोग से महिला के शरीर के धब्बों आदि का सैंपल लिया। जिसे जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजा जाएगा।
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सिजोफ्रेनिया मरीजों के लिए नए सॉल्ट की दवा, कैरीप्राजीन साल्ट का किया ट्रायल नहीं माना जा सकता मंकीपॉक्स सस्पेक्टेड डा. शिशिरपुरी, एसीएमओ ने बताया क् महिला के लक्षणों को लेकर केजीएमयू की टीम से बात की गई है। मगर महिला की कोई टे्रवेल हिस्ट्री नहीं है। न ही वह किसी मंकी पाक्स मरीज के संपर्क में आई है। मंकी पाक्स में ग्लाइंडस काफी बढ़ जाता है साथ ही चेहरे पर स्पाट अधिक होते हैं। मगर यह महिला में नहीं है। इसलिए इसे मंकी पाक्स का सस्पेक्टेड केस नहीं माना जा सकता है। महिला का चिकन पाक्स का इलाज किया जा रहा है।