हत्या से पहले सुमित ने बंद किया था पल्लवी का मोबाइल
मोतीनगर निवासी रामशंकर ने बताया कि निवाजखेड़ा स्थित साईं संस्था ने कन्या विवाह कराया था। इसमें 24 फरवरी को उन्होंने बेटी पल्लवी की शादी उसके फेसबुक फ्रेंड सुमित से की थी। ससुराल पहुंचने के बाद ही दहेज के लिए पल्लवी को प्रताड़ित किया जाने लगा। मारपीट के कारण वह बेटी को पहली बार होली में और फिर मई में वापस ले आए थे। पल्लवी को वापस ले जाने के लिए सुमित 29 मई को घर आया। ससुर के पैर छूकर अपने किए पर माफी मांगते हुए भविष्य में गलती नहीं करने की बात कही। इस भरोसे पर रामशंकर और उनकी पत्नी मनीषा ने बेटी को हंसते हुए विदा कर दिया।
सात जून को 9 बजे के बाद स्विच ऑफ हो गया मोबाइल
रामशंकर बताते हैं कि पांच जून को सुमित के साथ पल्लवी उन्नाव धानीखेड़ा में मौसी के घर पहुंची थी। एक रात मौसी के घर में रुक कर। छह जून की शाम को ससुराल जाने के लिए पल्लवी पति के साथ स्टेशन पहुंची। ट्रेन में बैठने के बजाए सुमित पत्नी को लेकर रात भर प्लेटफार्म पर रहा। सात जून की सुबह करीब नौ बजे राम शंकर की बेटी से फोन पर बात हुई। जिसके बाद फोन स्विच ऑफ हो गया। एसची मीडिया के रिपोर्ट के मुताबिक, राम शंकर ने बताया कि वह खैरियत लेने के लिए बेटी को कॉल करते रहे। फोन नहीं उठा। सुमित का मोबाइल भी स्विच ऑफ था। जिससे राम शंकर परेशान हो गए। सात जून की शाम करीब छह बजे दिबियापुर थाने से दरोगा ने फोन कर राम शंकर को पल्लवी की हत्या किए जाने की जानकारी दी।