हादसा के शिकार हुए 45 साल के इंद्रवीर के पास पक्का मकान नहीं था। इंद्रवीर पत्नी और 4 बच्चों के साथ इस घर में रहते थे। शुक्रवार की रात को इंद्रवीर अपने परिवार के साथ सो रहा था। इसी दौरान घर की दीवार भरभरा कर पूरे परिवार पर आ गिरी। आवाज सुनकर आस-पास रहने वाले लोगों ने उनको निकाला और घटना की सूचना पुलिस को दी।
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स्थानीय लोगों की मद से पुलिस ने घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिधूना पहुंचाया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही इंद्रवीर, उसकी पत्नी और 13 साल के बेटे विकास की मौत हो चुकी थी। दो बच्चों को बेहतर इलाज के लिए सैफई रिम्स रेफर कर दिया गया है।आसपास के लोगों ने बताया कि इंद्रवीर के पास पक्का मकान नहीं था। वह कच्चा घर में रहता था जो पहले से जर्जर था। पूरा परिवार दिन भर गांव में बने बारात घर में रहता था। रात होते ही सोने के लिए कच्चे घर में आ जाता था। उन्होंने कच्चे घर पर छप्पर डाल रखा था। इंद्रवीर का नाम सरकारी की ओर से बनने वाले आवास की लिस्ट में आ गया था। उसे घर बनाने के लिए पैसा नहीं मिला था। उसके पहले ही यह हादसा हो गया।