गुरु के बुरे फल से बचने के करें ये उपाय
ज्योतिषाचार्य डॉ.हुकुमचंद जैन ने बताया कि लगभग 13 माह बृहस्पति इसी राशि में विचरण करेंगे। खगोलीय मंडल में होने वाले इस बदलाव का मिथुन, तुला व कुंभ राशि के जातकों को मध्यम फल मिलेगा। साथ ही गर्मी में भी तेजी आएगी। शिक्षा, उद्योग, धार्मिक, आध्यात्म और सामाजिक क्षेत्रों में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे और नए आयाम भी स्थापित होंगे। देव गुरु बृहस्पति की अशुभता से बचने के लिए और शुभ फल प्राप्ति के लिए गुरुवार को व्रत एवं कथा करें। चने की दाल व गुड़ गाय को अपने हाथों से खिलाएं। गोविंद, विष्णु, राम, कृष्ण आदि मंदिरों के दर्शन नित्य करें। ये भी पढ़ेंः Hanuman ji: कौन हैं हनुमानजी के माता-पिता, जानते हैं कब हुआ था बजरंग बली का जन्म और इनके प्रिय मंत्र 27 नक्षत्रों के स्वामी हैं गुरु
उधर, गुरु ग्रह नौ अक्टूबर से चार फरवरी, 2025 तक उल्टी (वक्री) चाल चलेंगे। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में गुरु को शुभ ग्रह माना जाता है। इसके अनुसार बृहस्पति सभी 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी हैं, जिन जातकों की जन्म कुंडली में गुरु ग्रह बलशाली होता है वे जीवन में सुखी रहते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं।
व्यापारिक वस्तुओं पर भी दिखेगा गुरु का असर
09 मई को गुरु के अस्त होने से अनाजों में तेजी बनेगी। 01 जून को ज्येष्ठ माह में उदय होने से कहीं सूखे की स्थिति तो पश्चिम प्रांतों में बाढ़ से प्रभावित हानि होने की संभावना रहेगी। 12 जून से रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण में जाने से सोना-चांदी में मंदी और 27 जून से दूसरे चरण से हल्दी, सरसों, रुई में मंदी होगी। 09 अक्टूबर से गुरु वृष राशि में वक्री होने से सोना-चांदी, तेल, घी और महंगे होंगे। ये भी पढ़ेंः Shukra Asta: 27 जून तक इन लोगों की जेब रहेगी खाली, संभलकर खर्च करें पैसे
गुरु के अस्त होने का राशियों पर ये होगा प्रभाव
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मेष: धन लाभ होगा, कुटुंब से प्रेम स्नेह और मनोबल प्राप्त होगा। बुद्धि चातुर्य से धन लाभ बढ़ेगा और धन संग्रह की प्रवृत्ति बनेगी।
● वृषभ: स्वास्थ्य में सुधार होने के साथ ही शारीरिक व मानसिक संताप दूर होगा। मनोबल बढ़ेगा और धार्मिक कार्यों में रूचि होगी। ● मिथुन: धन का अपव्यय होगा। व्यवसाय एवं धन खर्च में सावधानी बरतें। किसी मोटे विवाद व खर्चे से बचकर रहें। अच्छे लोगों के साथ रहे।
● कर्क: आय स्त्रोत बढ़ेंगे। नवीन कार्य का शुभारंभ होने की संभावना बनेगी। बिजनेस व नौकरी में सफलता मिलेने की पूर्ण संभावना बनेगी। ● सिंह: इच्छित स्थान पर स्थानांतरण व पदस्थापित होने से मन खुश रहेगा। व्यापार कारोबार में प्रगति होगी। साथ ही कार्य क्षेत्र में परिवर्तन के आमूलचूल परिवर्तन के योग बनेंगे।
● कन्या: भाग्य से शुभ अवसर प्राप्त होंगे। धर्म के प्रति रूचि बढ़ेगी। घर में मांगलिक व धार्मिक उत्सव संपन्न होंगे। ● तुला: स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। मानसिक तनाव व असफलता से मनोबल कमजोर रहेगा। व्यवसाय से लाभ की अपेक्षा खर्च बढ़ेंगे।
● वृश्चिक: इस राशि के जातकों को बृहस्पति की कृपा का अद्भुत लाभ होगा। साझा व्यापार से धन लाभ व दांपत्य सुख की प्राप्ति होगी। ● धनु: छठे भाव से बृहस्पति का भ्रमण रोग व गुप्त शत्रु से सावधानी बरतने का संकेत दे रहे हैं। इस समय ऋण लेने से बचें। ननिहाल पक्ष से विपत्ति आने के संकेत है।
● मकर: विद्या जनित यश प्राप्त होगा। दिनचर्या व्यवस्थित होकर विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर प्राप्त होने की प्रबल संभावना रहेगी। परिजनों का सहयोग मनोबल को बढ़ाएगा। ● कुंभ: इस राशि के जातकों को चौथे गुरू अशुभता देने वाले हैं। अत: वाहन चलाने में सावधानी बरते। पारिवारिक कलह से बचे और माता के स्वास्थ्य का पूर्ण ध्यान रखें।
● मीन: इस राशि के जातकों के पराक्रम में अद्भुत वृद्धि होगी। भाइयों व विश्वास पात्रों के सहयोग से उन्नति एवं सुख में वृद्धि आएगी। कार्यों में आने वाली अड़चनें स्वत: ही दूर हो जाएगी।