म्यांमार: रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचारों को सामने लाने वाले पत्रकार रिहा
12 साल की आयु से अधिक वालों को मिला पहचान पत्र
UNHCR ने बताया है कि बांग्लादेश में 900,000 के करीब रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं। इसमें से कई परिवारों के दूसरी या तीसरी पीढ़ी भी शामिल है। रोहिंग्याओं को पहचान पत्र जारी करने का काम बीते साल जून 2018 में शुरू किया गया था। इससे पहले म्यांमार और बांग्लादेश ने रोहिंग्या को वापस लाने के बारे में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन लेकिन अब नागरिकता पर सुरक्षा भय और चिंताओं के कारण शरणार्थियों ने लौटने से इनकार कर दिया है। आंद्रेज माहेसिक ने बताया कि पहचान पत्र 12 साल से अधिक आयु वालों को ही जारी किया गया है। पहचान पत्र में सभी जरूरी जानकारियां सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें नाम, परिवार से संबंध और फिंगरप्रिंट के साथ-साथ आइरिस स्कैन शामिल हैं। उन्होंने आगे यह भी बताया कि कुल मिलाकर 270,348 शरणार्थियों या लगभग 60,000 परिवारों को पंजीकृत किया गया है और प्रत्येक दिन लगभग 4,000 लोगों को रोस्टर में जोड़ा जाता है। मालूम हो कि रोहिंग्या मुसलमानों की बड़ी संख्या में खरीद-फरोख्त हो रहा है। महिलाओं को देहव्यापार में धकेला जा रहा है। अभी पिछले सप्ताह में बांग्लादेश पुलिस ने दो मानव तस्करों को मार गिराया था और फिर 103 रोहिंग्याओं को उनसे बचाया था।
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