पाकिस्तान के पीएम Imran Khan के खिलाफ मानहानि का मुकदमा, 61 मिलियन डॉलर के मुआवजे की मांग संयुक्त राष्ट्र (UN) की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 6,500 पाकिस्तानी नागरिक अफगानिस्तान में सक्रिय विदेशी आतंकवादियों में से थे और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा उस देश में तस्करी करने वाले लड़ाकों में शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस वास्तविकता से अच्छी तरह से जानता है कि पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को याद रखना अच्छा होगा कि उनके प्रधानमंत्री ने पिछले साल स्वीकार कर चुके हैं कि पाक अभी भी 30,000 से 40,000 आतंकवादियों की मेजबानी करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान का नेतृत्व इस बात को भी स्वीकार कर रहा है कि अतीत में आतंकवादियों ने देश की मिट्टी का इस्तेमाल दूसरे देशों पर आतंकी हमले करने के लिए किया था। अमरीका की यात्रा के दौरान इमरान खान ने बीते साल जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान के 30,000 से 40,000 सशस्त्र बल, अफगानिस्तान या जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में प्रशिक्षित और लड़ रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच पारंपरिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों में पाकिस्तान फूट का प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान के लोग और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि कौन आतंकवादियों को शरण दे रहा है, प्रशिक्षण दे रहा है, हथियार बना रहा है और निर्दोष अफगानियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा को प्रायोजित कर रहा है।”
पाकिस्तान को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और अपने नियंत्रण में आने वाले क्षेत्रों से आतंकवाद के लिए किसी भी तरह के समर्थन को समाप्त करना चाहिए। श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादियों और आतंकवादी संस्थाओं की सबसे बड़ी संख्या में से एक है।