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श्रीलंकाई सेना प्रमुख ने साक्षात्कार में किया था खुलासा
उनकी टिप्पणी श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल महेश सेनानायके की टिप्पणियों के विपरीत थी, इस महीने की शुरुआत में एक सक्षात्कार के दौरान सेनानायके ने कहा था कि 250 से अधिक लोगों की जान लेने वाले हमलों के लिए जिम्मेदार कुछ हमलावरों ने कश्मीर, केरल और बेंगलुरु की यात्रा या तो प्रशिक्षण के लिए की या अन्य संगठनों के साथ संबंध स्थापित करने के लिए की थी।
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हमलों के समय वह सिंगापुर में थे गौरतलब है कि सिरिसेना, बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान उनकी मुलाकात पीएम नरेंद्र मोदी से हुई। विशेषज्ञों की माने तो सिरिसेना भारत के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं। पीएम मोदी को मिले प्रचंड बहुमत के बाद से बिम्सटेक में श्रीलंका अपनी उपस्थिति को पीछे नहीं रखना चाहता है। सिरिसेना का कहना है कि इन बम धमाकों में अभी तक भारत से कोई संबंध होने की सूचना सही नहीं है।श्रीलंका में बम धमाकों से पहले कई माह पहले भारतीय खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट भेजा था। सिरिसेना कहा कि हमलों के समय वह सिंगापुर में थे। उन्होंने कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा चार अप्रैल को उनके श्रीलंकाई समकक्षों को एक स्पष्ट रिपोर्ट भेजी गई थी। इस मुद्दे पर रक्षा सचिव और पुलिस महानिरीक्षक के बीच पत्र और पत्राचार का आदान-प्रदान किया गया।मैं कभी देश नहीं छोड़ता उन्होंने कहा कि वह 4 अप्रैल से 16 अप्रैल तक श्रीलंका में थे। इस दौरान किसी भी रक्षा प्रमुख ने उन्हें इस तरह की खुफिया जानकारी के बारे में सूचित नहीं किया था। अगर मुझे इस संभावना के बारे में पता होता तो मैं कभी देश नहीं छोड़ता। इस कारण ही उन्होंने रक्षा सचिव और पुलिस महानिरीक्षक को हटाने की कार्रवाई की है। सिरिसेना ने कहा कि हमलों की जांच में श्रीलंका को भारत, ब्रिटेन और अमेरिका का समर्थन मिला। जांच में पाया गया कि अपराधियों ने एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के तहत काम किया। श्रीलंकाई आतंकवादियों ने उन देशों में प्रशिक्षण प्राप्त किया था, जहां अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादी धनाढ्य परिवारों से थे और कोई सबूत नहीं मिला था कि अब तक उन्हें बाहरी स्रोतों से वित्तपोषित किया गया था।