दरअसल, पाकिस्तान में ईसाई समुदाय के विवाह से जुड़े नए कानून बनाए गए हैं, जिसे ईसाई समुदाय ने खारिज कर दिया है। ईसाई समाज के प्रतिनिधियों ने कहा है कि ईसाई विवाह कानून 2019 का तलाक का प्रावधान चर्च की शिक्षाओं और बाइबिल के आदेशों के अनुकूल नहीं है।
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ईसाई समुदाय की अधिकांश संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने लाहौर प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि ईसाई विवाह एवं तलाक कानून 2019 में तलाक को बेहद आसान बना दिया गया है।
संवाददाता सम्मेलन में कैथलिक चर्च, चर्च आफ पाकिस्तान, सुप्रीम कौंसिल आफ सी बिशप पाकिस्तान व अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कानून की धारा 48 को लेकर ईसाई समुदाय ने जताई आपत्ति
समुदाय के धार्मिक नेताओं ने कहा कि कानून की धारा 48 को लेकर विशेष रूप से आपत्ति है। इसमें कहा गया है कि अगर पति और पत्नी में झगड़ा हो जाए तो दोनों में से कोई एक भी अदालत में तलाक के लिए अर्जी दे सकता है।
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उन्होंने कहा कि उन्हें इस पर कड़ी आपत्ति है। तलाक को इतना आसान बना देना वैवाहिक रिश्तों के लिए ठीक नहीं है और यह चर्च की शिक्षाओं व बाइबिल के आदेश के अनुकूल नहीं है।
बता दें कि इससे पहले हिन्दू समुदाय के विवाह को लेकर भी पाकिस्तान में कानून बनाए गए थे।
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