उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने सोमवार को बताया कि यह मिसाइल दो साल में तैयार हुई थी और इसका परीक्षण गत शनिवार और रविवार को हुआ। उत्तर कोरिया की ओर मिसाइल परीक्षण का दावा तब किया जा रहा है, जब परमाणु हथियारों पर अमरीका के साथ उत्तर कोरिया की वार्ता रूकी हुई है। इस बीच, उत्तर कोरिया अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में लगा है।
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समाचार एजेंसी के अनुसार, पंद्रह सौ किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाले इस क्रूज मिसाइल के परीक्षण के दौरान अपने टारगेट पर पहुंचने से पहले 7 हजार 580 सेकेंड में पंद्रह सौ किलोमीटर यानी 930 मील की दूरी तय की। बताया यह भी जा रहा है कि परीक्षण के दौरान किम जोंग उन मौके पर मौजूद नहीं था।
नए क्रूज मिसाइल का परीक्षण करके उत्तर कोरिया ने अमरीका को एक बार फिर चुनौती दी है। हाल ही में उत्तर कोरिया ने अपना 73वां स्थापना दिवस मनाया है, लेकिन इस बात को लेकर सभी हैरान थे कि उसमें हथियारों का प्रदर्शन नहीं किया गया और समारोह में हर बार की तरह सैन्य शक्तियों की नुमाइश नहीं हुई थी।
गत जनवरी में अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन के उद्घाटन से कुछ दिन पहले पनडुब्बी से लॉन्च की गई बैलेस्टिक किम जोंग उन के सामने किम इल सुंग स्क्वायर के माध्यम से घुमाई गई थी। कोरियन सरकारी एजेंसी ने इन बैलेस्टिक मिसाइल को दुनिया का सबसे शक्तिशाली हथियार बताया था, लेकिन 9 सितंबर के परेड में उत्तर कोरिया काफी मुखर दिखा है।
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उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों और बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को जारी रखा है, जिसे लेकर कई तरह प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। कोरिया ने बीते कुछ साल में अपने नवीनतम सैन्य उपकरणों को दिखाने के लिए सैन्य परेड का इस्तेमाल करता रहा है। बता दें कि 9 सितंबर को डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया की स्थापना के 73 साल पूरे हो गए, जिसे आधिकारिक तौर पर उत्तर कोरिया के नाम से जाना जाता है। प्योंगयांग ने 2017 के बाद से कोई परमाणु परीक्षण या इंटरकांटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल लॉन्च नहीं किया है।
विशेषज्ञों की मानें तो दक्षिण कोरिया इस मामले पर करीब से नजर रखे हुए है। सियोल में कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन के एक वरिष्ठ शोधकर्ता हांग मिन ने इसे उत्तर कोरिया की रणनीति बताय है। कोरिया ने बिना किसी जोखिम के वाशिंगटन पर दबाव बनाने के लिए परेड फायदा उठाने की कोशिश की थी।