अब ये समझा जा रहा है कि ओली के बाद प्रचंड अगले पीएम हो सकते हैं, क्योंकि वे सीपीएन (माओवादी) गुट से हैं और उन्हें प्रबल दावेदार माना जा रहा है। बता दें कि 2018 में दो पार्टियों के विलय के बाद नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ( Nepal Communist Party, NCP ) बना था।
मालूम हो कि नवंबर 2019 में प्रचंड और ओली के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें ये तय हुआ था कि प्रचंड NCP का नेतृत्व करेंगे, जबकि ओली सत्ता में बने रहेंगे। 50-50 फॉर्मूले के आधार पर ही वे चुनाव जीतकर आए थे। हालांकि अब पीएम ओली पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है। NCP के ही तीन कद्दावर नेताओं पुष्प कमल दहल, झाला नाथ खानल और माधव नेपाल ( Jhala Nath Khanal and Madhav Nepal ) ने ओली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
CWC की बैठक में होगा ओली के भाग्य का फैसला
नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ( Ruling communist party ) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच सत्ता के लिए चल रही रस्साकशी को खत्म करने के लिए शनिवार को अपने शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय की बैठक बुलाने का फैसला किया है।
9 सदस्यीय केंद्रीय सचिवालय ( Central secretariat ) की बैठक आयोजित करने का फैसला पार्टी द्वारा ओली को अधिक समय देने के लिए पांचवीं बार स्थायी समिति की बैठक रविवार तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया है। यह निर्णय नेपाल के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड की अगुवाई में प्रतिद्वंद्वी गुट की बैठक के बाद लिया गया। अबी कम्युनिस्ट पार्टी में अधिक वार्ता होनी है।
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प्रधान मंत्री के प्रेस सचिव सूर्या थापा ने बताया है कि दो शीर्ष नेताओं ने रविवार को 45 सदस्यीय स्थायी समिति की बैठक के से पहले एक बैठक बुलाने के लिए सहमति व्यक्त की है। इसलिए NCP ने सचिवालय की बैठक बुलाई है। इस बैठक में तमाम मतभेदों को दूर किया जाएगा।
इससे पहले की बैठकों में ओली ने अपने पद से इस्तीफा देने या एनसीपी के अध्यक्ष के रूप में अपना पद छोड़ने से इनकार कर दिया, हालांकि इसके बावजूद प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट ने इस्तीफे की मांग जारी रखी। समिति के सदस्य गणेश शाह ने बताया कि पार्टी ने अपनी 441 सदस्यीय केंद्रीय कार्य समिति ( Central Working Committee, CWC ) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने का भी फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते होने वाली CWC की बैठक में प्रधानमंत्री के भाग्य का फैसला किया जाएगा। शाह ने कहा कि सीडब्ल्यूसी ‘वन-मैन, वन-पोस्ट’ पर औपचारिक निर्णय लेने के लिए अधिकृत है, जिसे प्रचंड के नेतृत्व वाले असंतुष्ट समूह की मांग के अनुसार पार्टी में लागू किया जाना है।
रविवार की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक ( Standing committee meeting ) में CWC की बैठक की तारीख तय होने की उम्मीद है, जो अंततः प्रधानमंत्री ओली के भविष्य का फैसला करेगी। दोनों नेताओं ने शुक्रवार को अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए अनौपचारिक बातचीत की।