केपी शर्मा के कार्यकाल में 2018 के बाद से कैबिनेट में यह 12वां बदलाव है। ओली ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब भारत के थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने नेपाल भ्रमण की घोषणा की। नरवणे की नेपाल भ्रमण की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद ओली ने पोखरेल को रक्षा मंत्री के पद से हटाते हुए अब रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी खुद के पास रख ली है। हालांकि पोखरेल ओली के मंत्रालय में बने रहेंगे।
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इसके अलावा केपी शर्मा ओली ने अपनी कैबिनेट में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बिष्णु को वित्त मंत्री के रूप में जगह दी है, जबकि लीलानाथ श्रेष्ठा को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सौंपा गया है।
बता दें कि पोखरेल ने रक्षा मंत्री रहते हुए नेपाली सेना के प्रमुख को जबरन कालापानी भेजा था। नेपाली सेना ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि भारत के साथ कूटनीतिक या राजनीतिक विवाद में सेना को जबरन घसीटा जा रहा है। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने सेना प्रमुख को भारतीय सेना प्रमुख के खिलाफ बयान देने और प्रतिक्रिया देने कि लिए भी दबाव डाला गया था, लेकिन नेपाल की सेना ने सिरे से खारिज कर दिया था।
पोखरेल पर लगे कई गंभीर आरोप
आपको बता दें कि कोरोना संकट में इश्वर पोखरेल पर कई तरह के गंभीर आरोप लगे। पोखरेल ने सेना के विरोध के बावजूद चीनी से विवादित टेस्ट किट और अन्य जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट की आपूर्ती का निर्देश दिया था। इसमें व्यापक भ्रष्टाचार करने का भी आरोप पोखरेल पर लगा।
पोखरेल ने सेना को लेकर कई बार विवादित बयान भी दिया था। इसके कारण सेना प्रमुख जनरल पूर्ण चन्द थापा और उनके बीच बातचीत बंद हो गई थी। विवादित बयानों को लेकर सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से शिकायत भी की थी।
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इसके बाद राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी जो कि पहले रक्षा मंत्री रह चुकी हैं, उन्होंने सेना को लेकर विवादित बयान देने वाले मंत्री पर सख्त कार्रवाई करने का दबाव बनाया। बहरहाल, नेपाल में आंतरिक सियासी घमासान अभी भी जारी है और अब एक बार फिर से पीएम ओली की मुश्किलें बढ़ सकती है।