चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खास दूत गुओ येझोउ (Guo Yezhou) की अगुवाई में चीनी प्रतिनिधिमंडल ने रविवार शाम राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी (President Bidhya Devi Bhandari) और प्रधानमंत्री ओली से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ओली के विदेश सलाहकार राजन भट्टाराई (Rajan Bhattarai) ने यह जानकारी दी।
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इन सबके बीच नेपाल में उपजे राजनीतिक संकट में चीन के इस दखल का कड़ा विरोध किया जा रहा है। आम नागरिक चीनी प्रतिनिधिमंडल के नेपाल दौरे को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं।
NCP के शीर्ष नेताओं से करेंगे बातचीत
राजन भट्टाराई ने बताया कि रविवार की रात गुओ येझोउ प्रधानमंत्री ओली से मिले। दोनों के बीच दो घंटे तक बातचीत चली और फिर आगे की वार्ता के लिए सोमवार का समय निर्धारित किया गया। दोनों के बीच क्या और किस मुद्दे पर बातचीत हुई ये अभी स्पष्ट नहीं है।
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इसके अलावे चार सदस्यों वाली CPC प्रतिनिधिमंडल ने शीतल निवास में राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी से मुलाकात की। इस दौरान द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके अलावा NCP में जारी सियासी कलह को लेकर भी चर्चा हुई। अब चीनी दल NCP के शीर्ष नेताओं से बात करेंगे।
आपको बता दें कि इससे पहले फरवरी 2018 में जब ओली की अगवाई वाली CPN-UML और प्रचंड की अगुवाई वाली NCP (माओइस्ट सेंटर) का विलय हुआ था, तब गुओ येझोउ ने काठमांडू की यात्रा की थी। इसके बाद दोनों दलों का विलय कर नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी बनाया गया था।
चीन के खिलाफ लोगों में गुस्सा
आपको बता दें कि सोमवार को नेपाल में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप से गुस्साए लोगों ने राजधानी काठमांडू में सड़कों पर प्रदर्शन किया और चीन के विरोध में जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों के हाथों में चीन के खिलाफ बैनर व पोस्टर थे। इन पोस्टरों में नेपाल में चीनी हस्तक्षेप को बंद करने की मांग की गई थी।
गौरतलब है कि पिछले रविवार को प्रधानमंत्री ओली ने अचानक 275 सदस्यों वाली सदन को भंग करने की सिफारिश कर दी, जिसके बाद से सियासी संकट उत्पन्न हो गया। इससे पहले बीते कई महीनों से NCP के अंदर सियासी उठापटक का दौर चल रहा था।
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प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने रविवार को ही प्रतिनिधि सभा भंग कर दी और अगले साल अप्रैल-मई में आम चुनाव कराए जाने की घोषणा कर दी। अब राष्ट्रपति भंडारी ने एक जनवरी से संसद के उच्च सदन नेशनल असेंबली के शीतकालीन सत्र बुलाने की घोषणा की है।