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इजराइल की सफाईइजराइली प्रधानमंत्री दवारा रूसी राष्ट्रपति को फोन किए जाने से पहले मंगलवार को इजरायली सेना ने कहा था कि चार इजरायली एफ -16 विमानों द्वारा सीरिया पर किए गए हवाई हमले का उद्देश्य ईरान से लेबनान में स्थित हिजबुल्लाह मिलिशिया को “सटीक और घातक हथियारों” का प्रवाह रोकना था। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, “प्रधान मंत्री ने रूसी सैनिकों की मौत पर अपना अफसोस जाहिर किया और कहा कि सीरिया ही रूसी विमान को मार गिराए जाने के लिए जिम्मेदार था।” वक्तव्य देने के दौरान नेतन्याहू ने पिछले तीन सालों में सीरिया में इजरायल और रूस के बीच चल रहे सैन्य समन्वय के महत्व पर बल दिया और कहा कि इसका ही नतीजा है कि दोनों पक्षों को सीरिया में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।
इजराइली प्रधानमंत्री ने कहा कि रूसी विमान को मार गिराए जाने की घटना के बावजूद इजराइल अपना अभियान जारी रखेगा। नेतन्याहू ने पुतिन से कहा कि “इजरायल सीरिया में ईरान द्वारा भेजी जा रही सैन्य सहायता के प्रयासों को रोकने के लिए दृढ़ है। क्योंकि ये प्रयास जो इजराइल के खिलाफ हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि ईरान हिजबुल्लाह लड़ाकों को घातक हथियार दे न सके।”
इजराइली पीएम से हुई बातचीत पर रूस की प्रतक्रिया का अब भी इंतजार है। रूस की तरफ से अभी बयान जारी नहीं किया गया है। बता दें कि पुतिन और नेतन्याहू ने युद्ध-ग्रस्त देश सीरिया में अपने अभियानों को समन्वयित करने के लिए नियमित बैठकें की हैं। उसके बाद भी हुए विमान हादसे ने दोनों देशों की आपसी समझ पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। पिछले 18 महीनों में इजरायल ने सीरिया में 200 से अधिक हवाई हमले किए हैं।