साउथ चाइना सी में चीन की बढ़ती दादागिरी से परेशान इंडोनेशिया ने अपने जंगी जहाजों और युद्धपोतों को समुद्र में उतार दिया। चीन को चुनौती देते हुए इंडोनेशियाई जहाजों और युद्धपोतों ( Indonesian ships and warships ) ने चार दिवसीय युद्धाभ्यास किया है। बता दें कि इंडोनेशिया ने इससे पहले चीन के दावों को नकार दिया था।
इंडोनेशियाई मीडिया के मुताबिक, नटुआ द्वीप के पास यह युद्धाभ्यास आयोजित किया गया। इस अभ्यास में 24 युद्धपोतों ने हिस्सा लिया। इसमें दो मिसाइल डिस्ट्रॉयर और चार एस्कॉर्ट वेसल ( Missile Destroyer and Escort Vessel ) शामिल थे। चीन इस द्वीप को अपना बताता है, पर इंडोनेशिया भी इसपर अपना दावा करता है। ऐसे में युद्धाभ्यास से दोनों देशों में तकरार बढ़ना तय है।
युद्धाभ्यास से चीन में बौखलाहट
आपको बता दें कि नटुआ द्वीप ( China Claim On Natua Island ) को चीन अपना बताता है और इस द्वीप के पास अक्सर चीनी झंडे वाले मछली पकड़ने की नौकाएं देखी जाती है। इसकी रखवाली के लिए चीनी पेट्रोल वेसल भी तैनात होते हैं। नटुआ द्वीप के पास चीन की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए इंडोनेशिया ने अपनी नौसेना ( Indonesia Navy ) की तैनाती भी बढ़ा दी है, ताकि किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके।
इधर, इंडोनेशिया द्वारा चार दिवसीय युद्धाभ्यास से चीन बौखला गया है। चीन ने कहा है कि इंडोनेशिया के इस कदम से क्षेत्रीय शांति को खतरा पहुंच सकता है। इस तरह की धमकी और चेतावनी वियतनाम समेत कई देशों को चीन दे चुका है। अमरीका ने भी अपने दो सबसे ताकतवर युद्धपोतों को तैनात कर रखा है, जिससे चीन पहले से ही भड़का हुआ है।
7 देशों के साथ है चीन का विवाद
आपको बता दें कि दक्षिण चीन सागर पर सात देशों के साथ चीन का विवाद है। चूंकि चीन साउथ चाइना सी के 90 फीसदी हिस्से पर अपना दावा करता है। लेकिन फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई, वियतनाम, जापाना, इंडोनेशिया और ताइवान भी अपने-अपने हिस्से पर दावा करते हैं। इसको लेकर चीन आपत्ति जताता है।
.. तो इसलिए South China Sea पर कब्जा करने के लिए चीन America और इन 7 देशों से ले रहा है टक्कर
पूर्वी चाइना सी में जापान ( China Japan Tension ) के साथ चीन का द्वीपों को लेकर विवाद चरम पर पहुंच चुका है। यही कारण है कि तमाम देश अब चीन के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार कर चुके हैं। रविवार को ही अमरीका ने चीन के सभी दावों को खारिज कर दिया और कहा कि दक्षिण चीन सागर को चीन का साम्राज्य नहीं बनने देंगे।
मालूम हो कि बीजिंग ‘नौ-डैश लाइन’ के रूप में ज्ञात एक विशाल क्षेत्र का दावा करता है और उसने इस क्षेत्र में कई कृत्रिम द्वीप-निर्माण ( Artificial island building ) करने के साथ गश्ती कर अपने दावों का समर्थन कर रहा है। दक्षिण चीन सागर में मौजूद करीब 200 द्वीपों में अपार प्राकृतिक संसाधन और गैस व तेल भंडार हैं, जिसपर चीन की नजर है। चीन के एकाधिकार के दावों को लेकर 2016 में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ( International court ) ने चीन के खिलाफ फैसला सुनाया था। इस फैसले में कहा गया था कि समुद्र के जल और संसाधनों पर ऐतिहासिक रूप से विशेष नियंत्रण का कोई सबूत नहीं है, हालांकि चीन ने इस फैसले को खारिज कर दिया।