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बहुत कम है गोरखा जवानों की संख्या
बता दें कि गोरखा जवानों की संख्या सिंगापुर में बेहद कम है। वहां इन गोरखा जवानों को अति-महत्वपूर्ण मौकों पर ही लगाया जाता है। इससे पहले इन जवानों को उस समय तैनात किया गया था जब शांगरी-ला होटल में हुई कॉंफ्रेंस में पीएम मोदी व अमरीकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस वहां मौजूद थे। सिंगापुर में नेपाल से भर्ती किए गए इन गोरखा जवानों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया है। लेकिन माना जाता है कि गोरखा जवानों का मुख्य हथियार खुखरी (धारदार चाकू) होता है या यूं कहिए कि ये जवान खुखरी चलाने में अधिक पारंगत होते हैं।
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सिंगापुर में तैयारी कर रही अमरीकी टीम
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने दोनों नेताओं की मुलाकात के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि अमरीका की एक टीम अब सिंगापुर में है और तैयारियों को अंतिम रूप दे रही है और तब तक वहां रहेंगी, जब तक सम्मेलन शुरू नहीं हो जाता।सैंडर्स ने कहा कि अमरीकी पक्ष सक्रिय रूप से बैठक की तैयारी कर रहा है। बता दें कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच होने वाली ऐतिहासिक मुलाकात को लेकर दोनों देश लंबे समय से तैयारियों में लगे हैं। इस मुलाकात के दौरान अमरीका का फोकस परमाणु निरस्त्रीकरण पर रहेगा।