करीब एक हफ्ते पहले राष्ट्रपति भवन में बरादर और हक्कानी नेटवर्क के नेता खलील उर रहमान के बीच तीखी बहस हो गई थी, इसके बाद दोनों नेताओं के समर्थक भी आपस में लड़ पड़े। खलील उर रहमान तालिबान में शरणार्थी मंत्री है। तालिबानी नेताओं के अनुसार, काबुल के राष्ट्रपति कार्यालय में अंतरिम सरकार में मंत्रियों को बरादर और रहमान के बीच मतभेद हो गए थे।
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गत 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही विभिन्न समूहों के बीच नेतृत्व और सरकार गठन को लेकर संघर्ष रहा है। काफी गतिरोध के बाद अंतरिम सरकार का गठन हो पाया था। इससे पहले, तालिबान सरकार में उप प्रधानमंत्री मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर के बारे में भी बीते एक हफ्ते से चर्चा है कि उसका हक्कानी नेटवर्क के साथ किसी बात को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों गुटों के बीच फायरिंग हुई, जिसमें बरादर या तो गंभीर रूप से घायल हुआ है या फिर उसकी मौत हो गई है।
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हालांकि, अफवाहों का बाजार गर्म हुआ तो तालिबान ने इस पर सफाई पेश की है। तालिबान ने एक आडियो संदेश जारी किया और कहा कि बरादर बिल्कुल ठीक है और यह उसका ताजा संदेश है। लेकिन लोग अब भी सवाल यह खड़े कर रहे हैं कि बरादर यदि ठीक है, तो सार्वजनिक रूप से सामने क्यों नहीं आ रहा या फिर उसने वीडियो संदेश क्यों नहीं दिया।