यह महामारी कई मेडिकल कर्मचारियों के लिए एक मानसिक समस्या
बीजिंग स्थित मनोरोग अस्पताल हुइगुआंग के अध्यक्ष यांग फ्युड ने कहा, ‘यह महामारी कई मेडिकल कर्मचारियों के लिए एक मानसिक समस्या बन गई है। और हम इसपर काफी ध्यान दे रहे हैं।’ यांग ने कहा कि पहले के अनुभव और राष्ट्रीय मानक के आधार पर मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप के मामले में, पहला कदम लोगों का वर्गीकरण करने का है।
डॉक्टरों को सबसे ज्यादा मनोवैज्ञानिक परामर्श की जरूरत
उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस से संक्रमित हजारों रोगी और इसका इलाज कर रहे डॉक्टरों को सबसे ज्यादा मनोवैज्ञानिक परामर्श की जरूरत है। दूसरा वर्ग उन लोगों का है, जिनमें वायरस से संक्रमण होने की संभावना ज्यादा है और जो संक्रमित लोगों के संपर्क में हैं। तीसरा वर्ग संक्रमित लोगों का परिवार है और चौथा वर्ग इस संक्रमण से डरे और घबराए हुए आमजन हैं।’
अफवाहों से न घबराने की जरूरत
अस्पताल के मनौविज्ञान संकट हस्तक्षेप अनुसंधान केंद्र के उपनिदेशक लियांग होंग ने कहा, ‘इस बाबत मदद की गुहार लगाने वाले अधिकतर लोगों में डर और चिंता है। इनमें से कुछ लोगों को साधारण खांसी या बुखार होने की स्थिति में कोरोना वायरस से ग्रसित होने का डर सता रहा है।’ वांग ने कहा कि इस संकट को देखते हुए लोगों को इस बात का ध्यान रखना है कि वे विश्वस्त खबरों पर ही भरोसा करें और बिना घबराए गलत सूचनाओं से दूर रहे।