शांति की बात करने वाला चीन ने LAC पर अत्याधुनिक हथियारों से लैस मिसाइल और हजारों की संख्या में सैनिकों को तैनात किया है। इन सबके बीच ने अब लद्दाख को भारतीय क्षेत्र की मान्यता देने से ही इनकार कर दिया है। चीन ने कहा है कि वह लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने को मान्यता नहीं देता है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने एक बयान में कहा कि भारत ने लद्दाख का गठन अवैध रूप से किया है। वेनबिन ने आगे कहा कि हम विवादित इलाके में भारत के सैन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आधारभूत ढांचे के निर्माण का पुरजोर विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा कि हाल में दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी कि कोई भी पक्ष सीमा पर ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा, जिससे हालात तनावपूर्ण हो। इसलिए शांति के प्रयासों को प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए।
भारत ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दिया है दर्जा
आपको बता दें कि भारत ने पिछले साल एक एतिहासिक कदम उठाते हुए 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित भी कर दिया।
31 अक्टूबर को भारत सरकार ने आधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया था। लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने को लेकर चीन भड़ग गया था। चीन ने आपत्ति दर्ज कराते हुए भारत के फैसले को गलत करार दिया था। हालांकि भारत ने भी चीन को दो टूक जवाब देते हुए साफ कर दिया था कि ये भारत का आंतरिक मामला है।
अब भारत सरकार के इस फैसले से भड़का चीन लगातार पूर्वी लद्दाख के इलाकों पर अवैध कब्जा करने की नाकाम कोशिश कर रहा है। इसी नापाक साजिश को अंजाम देते हुए बीते 14-15 जून की रात को चीन ने गलवान घाटी में भारतीय सेना पर चुपके से हमला कर दिया था। हालांकि भारत के जाबांज सुरक्षाबलों ने करारा जवाब दिया। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच से LAC पर माहौल तनावपूर्ण है। दोनों ही देश सीमा पर युद्ध की आशंका के मद्देनजर हथियार और मिसाइलों की तैनाती कर दी है।