‘अर्ली रेन कोवनेंट’ चर्च के 100 सदस्य हिरासत में
बताया जा रहा है कि बीते 11 दिसंबर को चीन के प्रोटेस्टेंट ईसाई समुदाय के कई लोगों को हिरासत में लिया गया। जानकारी के मुताबिक पुलिस और अधिकारियों ने वहां के चेंगदू प्रांत में छापा मारकर ‘अर्ली रेन कोवनेंट’ चर्च से संबंधित करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया है। आपको बता दें कि मौजूदा समय में चीन में करीब 3.8 करोड़ ‘प्रोटेस्टेंट ईसाई समुदाय’ के लोग रहते हैं। संभावना ये भी जताई जा रही है कि आनेवाले समय में चीन में ही ईसाईयों की सबसे अधिक आबादी होगी।
चर्च का ग्रुप सोशल मीडिया पर ब्लॉक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन में कानून है कि वहां की सरकार के पास हर धर्मस्थल का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है, लेकिन वहां स्थित कई चर्चों ने कुछ वजहों से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं कराई थी। इसी का हवाला देते हुए उनके सदस्यों को हिरासत में लिया है। यही नहीं इस चर्च के ग्रुप को वहां के मैसेजिंग एप वीचैट पर भी ब्लॉक कर, फोन लाइन्स भी काट दी गईं थी। इस संबंध में कई लोगों ने फेसबुक पर पोस्ट किया है।
लगातार हो रहा है धार्मिक आजादी पर वार
धार्मिक आजादी की पैरवी करने वाले चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल में सरकार की ओर से धार्मिक आजादी पर सख्त हमले किए जा रहे हैं। वहां की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी धार्मिक मान्यता को एक चुनौती के रूप में देखती है। उनके इसी मान्यचता का शिकार काफी लंबे समय से उइगर मुस्लिम भी हो रहे हैं।
चीन में क्रिसमस नहीं मनाने की सलाह
इसके साथ ही चीन ने अपने लोगों को क्रिसमस का त्योहार नहीं मनाने की सलाह दी है। उन्होंने इसे पाश्चात्य संस्कृति बताया है, जिसका उसके युवाओं पर गलत प्रभाव है। ईसाई धर्म चीन में मान्यता प्राप्त पांच धर्मो में शुमार है। चीन की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी चीन के हेबेई प्रांत स्थित लांगफांग के अर्बन मैनेजमेंट ब्यूरो ने रविवार को इस संबंध में एक नोटिस जारी किया। नोटिस में कहा गया कि सड़कों पर क्रिसमस ट्री बेचना मना है। ऑनलाइन प्रसारित किए गए इस नोटिस में ये भी कहा गया कि सार्वजनिक स्थलों जैसे कि पार्क आदि में किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।