पहली बार ऐसा हुआ है जब चीन की यह मिसाइल H-6N बॉम्बर के साथ दिखाई दिया है। ऐसी तकनीक दुनिया के कुछ ही देशों के पास है। ऐसे में भारत और अमरीका के लिए थोड़ी मुश्किलें खड़ा हो सकती है।
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बता दें कि अमरीकी खुफिया एजेंसी ( US Intelligence Agency ) के पास 2017 से ही ऐसी रिपोर्ट थी कि चीन इस तरह के दो एयर लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल बना रहा है। भारत के पास भी हवा से एंटी शिप बैलिस्टिक मिसाइल को लॉंच करने की तकनीकी अभी नहीं है।
साउथ चाइना सी में अमरीका की बढ़ सकती है मुश्किलें
आपको बता दें कि साउथ चाइना सी में अमरीका और चीन ( America China Tension ) के बीच तनातनी काफी बढ़ी है। अमरीकी ने अपने सबसे अत्याधुनिक युद्धपोतों को साउथ चाइना सी में तैनात कर रखा है। साथ ही जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ अलग-अलग स्तर पर युद्धाभ्यास भी कर रहा है।
ऐसे में चीन की ओर से इस तरह का मिसाइल को लॉंच करना बहुत ही मायने रखता है। इसी सप्ताह में अमरीकी युद्धपोत ताइवान के करीब से होकर गुजरा जिसपर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई। ऐसे में अब आग यदि ऐसा होता है तो इस मिसाइल से अमरीकी युद्धपोत को खतरा हो सकता है।
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इस मिसाइल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि दुश्मन को रिएक्ट करने का मौका ही नहीं देता है। इसके अलावा बैलिस्टिक मिसाइल के लैंड और सी वैरियंट को लॉन्च करते ही दुश्मन को इसकी जानकारी मिल जाती है।
मिसाइल की खासियत
आपको बता दें कि यह एक अत्याधुनिक मिसाइल तकनीक है। इसकी खासियत ये है कि यह दो स्टेज सॉलिड फ्यूल से चलने वाला मिसाइल है। लगभग 3000 किलोमीटर तक इसकी ऑपरेशनल रेंज है। यह अपने साथ परमाणु वॉरहेड को भी ले जाने में सक्षम है।
रक्षा विशेषज्ञ के अनुसार, इस मिसाइल को चीन का DF-21D का एयर लॉन्च वैरियंट भी कहा जाता है, क्योंकि इसके आगे का हिस्सा हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन (HGV) जैसे दिखाई देता है। लेकिन अमरीकी खुफिया एजेंसी ने 2019 में इस मिसाइल को CH-AS-X-13 का नाम दिया था। इसकी लंबाई 30 फीट से ज्यादा होती है और इसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर तक है। इसे जमीन से भी लॉंच किया जा सकता है।