इस तरह पाकिस्तान के चंगुल में फंसे कुलभूषण जाधव, जानिए क्या है पूरा मामला
Kulbhushan Jadhav case: अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) में आज फैसला सुनाया जाएगा
पाकिस्तान ने आतंकवाद फैलाने और जासूसी के आरोप में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई है
कुलभूषण जाधव केस: भारत और पाकिस्तान के अपने-अपने दावे, जानें पूरा मामला
नई दिल्ली।कुलभूषण जाधव मामले में नीदरलैंड्स की हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) आज बड़ा फैसला सुना सकती है। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव पर जासूसी का आरोप है। पाकिस्तान में एक सैन्य अदालत ने उन्हें भारतीय खुफ़िया एजेंसी के लिए जासूसी और आतंकवाद का दोषी पाया है। इस मामले में उन्हें मौत की सजा सुनाई है। भारत को अंतरराष्ट्रीय अदालत से इस मामले में राहत की उम्मीद है। आइए जानते हैं जाधव किस तरह से पाकिस्तान के चुंगल फंसे।
1. 3 मार्च 2016 को पाकिस्तान ने कहा कि रिटायर्ड भारतीय नौसेना अधिकारी पाक के बलूचिस्तान से जासूसी के मामले में पकड़े गए हैं। पाकिस्तान ने 25 मार्च 2016 में भारत को जाधव की गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया। भारत ने ये तो माना कि कुलभूषण भारतीय नागरिक हैं लेकिन उनके जासूस होने की बात से इनकार किया।
2. इसके बाद पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव का इकबालिया बयान वाला एक वीडियो जारी किया। वीडियो में कुलभूषण को ये कहते हुए पाया गया कि उन्होंने साल 2013 में रॉ के लिए काम शुरू किया था। इसके बाद से जाधव को लेकर दोनों पक्ष अपनी दलीले देते रहे।
3. पाक का दावा है कि जाधव को 3 मार्च 2016 में बलूचिस्तान प्रांत में गिरफ्तार किया गया था। वहीं इसे खारिज करते हुए भारत का कहना है कि उसे ईरान से अगवा किया गया है। वह निजी व्यापार के लिए यहां पहुंचा था।
4. पाकिस्तान की दलील है कि जासूसी के मामले में दोषी को ‘कॉन्सुलर एक्सेस’ नहीं दिया जा सकता। इस पर भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में कहा है कि जाधव को ‘कॉन्सुलर एक्सेस’ यानी भारतीय दूतावास के अधिकारियों से बात करने का हक न देकर पाकिस्तान ने विएना संधि का उल्लंघन किया है।
5. भारत ने अदालत से अपील की है कि जाधव की मौत की सजा रद्द कर उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। भारत का आरोप है कि जाधव की सुनाई में तय मानक प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया।
6. भारतीय वकील हरीश साल्वे के अनुसार पाकिस्तान ने जाधव को दोषी ठहराने के लिए जबरन उससे इकाबालिया बयान लिया है। इसके अलावा पाक के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जो जाधव को दोषी साबित करता है।
7. भारतीय वकील हरीश साल्वे ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत का जिक्र करते हुए कहा कि कोई देश अपने यहां के कानून का हवाला देकर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं कर सकता। 8. 7 दिसंबर 2016 को तत्कालीन पाकिस्तानी विदेश मंत्री सरताज अजीज ने देश की संसद में कहा कि जाधव के खिलाफ ठोस सबूत न होने की बात कही। उन्होंने कहा कि जाधव से जुड़े डोजियर में कुछ बयान मात्र हैं और उसमें कोई निर्णायक सबूत नहीं हैं।
9. 30 मार्च, 2016 को भारतीय विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव को प्रताड़ित किया जा रहा है। 10. दिसंबर 2017 में जाधव की मां और पत्नी पाकिस्तान गई थीं। यहां पर जाधव से मुलाकात के दौरान दोनों से बदसलूकी की गई। भारत का कहना है कि पूरी प्रक्रिया का माहौल धमकी भरा था। जाधव की मां और पत्नी से जबरदस्ती कपड़े बदलवाए गए। उन्हें मातृभाषा में बात करने की इजाजत नहीं दी गई और उनकी पत्नी के जूते भी नहीं लौटाए गए।
बदहाल पाकिस्तान के लिए एक और झटका, विश्व बैंक ने लगाया सबसे बड़ा जुर्मानाऐसी रही अदालती कार्रवाई 26 अप्रैल 2017 को पाकिस्तान ने जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने का भारत का निवेदन 16वीं बार खारिज किया।भारत ने इसे विएना संधि का उल्लंघन बताया। 10 अप्रैल 2017 को पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग ने एक प्रेस रिलीज जारी की। इसमें बताया गया कि एक सैन्य अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई है। 9 मई 2017 को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने जाधव की मौत की सजा पर सुनवाई पूरी होने तक रोक लगा दी। 17 जुलाई 2018 को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 400 पन्नों का जवाब आईसीजे को सौंपा। 17 अप्रैल 2018 को भारत ने दूसरे दौर का जवाब आईसीजे को सौंपा। 19 फरवरी 2019 : पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनर मनसूर खान अपना पक्ष रखा। मनसूर खान ने कहा कि भारत पाकिस्तान को नीचा दिखाने के पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है। भारत के इस केस को कोर्ट को फौरन खारिज कर देना चाहिए