दरअसल, भारतीय वायुसेना ( Indian Air Force ) में शामिल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस सबसे शक्तिशाली फाइटर जेट रफाल ( Rafale Fighter Jet ) से चीन में खलबली मची है। इसका सीधा असर चीनी सीमा पर देखने को भी मिल रहा है। कुछ सैटेलाइट तस्वीरें ( Satellite Image ) सामने आई है, जिससे ये पता चल रहा है कि चीन ने लद्दाख सीमा के पास भारी संख्या में फाइटर जेट्स तैनात किए हैं।
China की बड़ी साजिश, Taiwan पर कब्जा करने की तैयारी की तेज, America ने भेजे युद्धपोत और Fighter Jet
सैटलाइट से मिली तस्वीरों में ये देखा गया कि लद्दाख से 200 मील दूर चीन के होटन एयरबेस ( Hotan Airbase ) पर 2 जे-20 फाइटर जेट तैनात है। इससे पहले इन फाइटर जेट को इस एयरबेस पर कभी नहीं देखा गया था। चीनी मीडिया में जे-20 जेट की तस्वीरें भी वायरल हैं। ऐसे में अब ये आशंका जाहिर की जा रही है कि दोनों देशों में जारी तनाव के बीच लद्दाख के पास जे-20 जेट की तैनाती से तनाव और भी गहरा सकता है।
चान अन्य एयरबेस पर तैनात किए हैं फाइटर जेट
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने J20 लड़ाकू विमानों ( J20 Fighter Jet ) को हाल के कुछ दिनों में ही लद्दाख सीमा के पास तैनात किया है। चीन के पास कुल 40 जे-20 फाइटर जेट हैं। चीन ने भारत से लगते सीमा पर परमाणु बम गिराने में सक्षम विमानों को भी तैनात किया है।
भारतीय वायुसेना को टक्कर देने के लिए चीन लगाातर भारत से सटे अपने 13 एयरबेस को अपग्रेड करने में जुटा है। जो कि लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के भारतीय इलाकों से सटा है। चीन भारत पर दबाव बनाने के लिए भारतीय सीमा के नजदीकी सभी एयरबेस पर भारी संख्या में फाइटर जेट तैनात कर रहा है।
कुछ दिन पहले ही चीन ने भारतीय सीमा से कुछ दूरी पर स्थित सैन्य ठिकाने पर DF-26 मिसाइलों को तैनात किया है। इसके अलावा लद्दाख से सटे अपने काशी एयरबेस पर J-11, JH-7 और ड्रोन विमानों को तैनात किया है। वहीं होटान एयरबेस पर भी J-11, JH7, अवाक्स और ड्रोन विमानों ( Drone Jet ) को तैनात किया है। नागरी एयरबेस पर चीन के J11 और ड्रोन विमान तैनात किए हैं।
आपको बता दें कि लद्दाख के अलावा चीन सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश ( Sikkim and Arunachal Pradesh ) की सीमा के करीब स्थित शिगत्से हवाई अड्डे ( Shigtse Airport ) पर H7 बमवर्षक विमान और जे 11/10, अवाक्स और ड्रोन विमान तैनात किए हैं। इसी तरह से गोनग्गर और गोलमुड हवाई ठिकानों पर लड़ाकू विमान तैनात कर रखे हैं। इतना ही नहीं, चीन तशकुर्गान और केरिया में दो और एयरबेस बना रहा है।