सोमवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने चीन की राजधानी बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक की। वांग यी ने कहा कि भारत और चीन ने सभी स्तरों पर सकारात्मक बातचीत की है और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने की तैयारी को तेज कर दिया है। भारत और चीन को आपसी संदेह और अलगाव के बजाय आपसी समझ, समर्थन के लिए जरूरी कदम उठाने पर जोर देना चाहिए।
PM मोदी और जिनपिंग की सहमति के मुताबिक बैठक
वांग यी ने कहा कि पिछले साल 2024 में रूस के कज़ान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) के बीच आखिरी बैठक हुई थी। जिसके बाद से, दोनों देशों ने इस बैठक में हुई सहमति को ईमानदारी से लागू किया है। चीन और भारत को मौकों का फायदा उठाना चाहिए। एक-दूसरे से आधे रास्ते पर मिलना चाहिए। अगर चीन और भारत के संबंध मजबूत होंगे तो दोनों देशों का विकास होगा। इन संबंधों से एशिया महाद्वीप और दुनिया में शांति, स्थिरता, विकास होगा।
विक्रम मिस्री ने क्या कहा?
वहीं भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत और चीन ने कज़ान में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी की सहमति के मुताबिक कई बैठकें की हैं। उन्होंने चीन के साथ राजनयिक संबंधों की स्थापना (India China Relations) की 75वीं सालगिरह मनाने की भारत की इच्छा जताई और SCO के अध्यक्ष के तौर पर चीन का समर्थन करने को कहा।
इन मुद्दों पर बातचीत बाकी
विक्रम मिस्री की इस यात्रा को लेकर पहले भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा था कि भारत-चीन के बीच हो रही इस बैठक से भारत-चीन संबंधों के लिए अगले कदमों पर चर्चा होगी। इस चर्चा में वीजा और सीधे हवाई संपर्क, कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर भी बातचीत की जाएगी। बता दें कि भारत और चीन ने अक्टूबर, 2024 में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर दो टकराव बिंदुओं, देपसांग मैदानों और डेमचोक में गश्त को लेकर एक समझौता किया था। जिसके बाद भारत और चीन संबंधों में नरमी आने के संकेत मिले थे।