इस हमले में 29 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 61 लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए हैं। इधर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों हमलावरों को मार गिराया है। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि दो हमलावरों ने इस हमले को अंजाम दिया है। इस बीच इस्लामिक स्टेट समूह ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली है।
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इस हमले में ज्यादातर शिया समुदाय के लोग मारे गए हैं। ये सभी लोग अफगानिस्तान के कबिलाई हजारा समुदाय के नेता अब्दुल अली मजारी की पुण्यतिथि मनाने के लिए जमा हुए थे। बता दें कि, अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट समूह के आतंकी संगठन ने अपनी वेबसाइट पर शिया मुसलमानों के खिलाफ युद्ध का एलान किया है।
राष्ट्रपति ने हमले की निंदा की
आपको बता दें कि इस हमले को लेकर राष्ट्रपति अशरफ गनी ने निंदा की है। राष्ट्रपति ने ट्वीट करते हुए कहा ‘यह हमला मानवता के खिलाफ और अफगानिस्तान की राष्ट्रीय एकता के खिलाफ अपराध है।’
अमरीका और तालिबान के बीच समझौते के अनुसार, 14 महीनों के भीतर अमरीका और नाटो सैनिकों की अफगानिस्तान से पूर्ण वापसी का लक्ष्य रखा गया है और इस बीच ये बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इससे पहले ट्रंप ने साफ कर दिया था कि यदि समझौते के बाद कोई हमला होता है तो फिर इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।
बता दें कि शनिवार को अफगानिस्तान प्रांत के हेमलंद प्रांत के लश्कर गाह शहर में एक खदान में विस्फोट होने से एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई। यह घटना अनबर बाग इलाके में हुई। फिलहाल हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है।
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इससे पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे अब्दुल्ला अब्दुल्ला बाल बाल बच गए। वे एक सभा को संबोधित कर रहे थे तभी कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला बोल दिया था।
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