मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने बताया कि अमरीकी सैनिकों का एयरपोर्ट के एक छोटे से हिस्से पर नियंत्रण है। यह क्षेत्र वह हिस्सा है, जहां हवाई अड्डे का रडार सिस्टम स्थित है।
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विशेष बलों की एक यूनिट को तैनात किया
तालिबान ने करीब दो हफ्ते पहले हवाईअड्डे के मुख्य द्वार पर विशेष बलों की एक यूनिट को तैनात किया था। उनका कहना है कि वे एयरपोर्ट की सुरक्षा और तकनीकी जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं। अमरीका ने तालिबान के एयरपोर्ट के फाटक का नियंत्रण ऐसे समय पर सौंपा है, जब कुछ दिन पहले 26 अगस्त को आईएस-के आतंकवादियों ने पूर्वी द्वार पर आत्मघाती हमला किया था। इसमें 170 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई।
दर्जनों विमानों ने एयरपोर्ट से उड़ान भरी
इससे पहले तालिबान ने विश्वास दिलाया है कि अमरीकी सेना के जाने के बाद एक समूह के विशेष बल, तकनीकी पेशेवरों और योग्य इंजीनियरों की एक टीम हवाई अड्डे के सभी प्रभार को संभालने के लिए तैयार है। शनिवार देर रात सैन्य विमानों समेत दर्जनों विमानों ने एयरपोर्ट से उड़ान भरी। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 31 अगस्त को समय सीमा तय की है। सभी अमरीकी और गठबंधन बल इस अवधि के अंदर देश छोड़ देंगे।
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तालिबान ने काबुल के निवासियों से सरकारी वाहन, हथियार और गोला-बारूद उनको सौंपने के निर्देश दिया है। काबुल में रहने वाले सभी लोगों को ‘वाहन, हथियार और गोला-बारूद या किसी भी अन्य चीजों को सरकार को वापस करना होगा। इसके लिए बकायदा घोषणा की गई है।