Read this also: हाईवे पर पत्नी ने दिया बच्चे को जन्म, गूंजने लगी किलकारियां दरअसल, कोरोना जांच के लिए सैंपल लेकर उसे जांच के लिए हायर सेंटर भेजना होता है। इस काम के लिए लैब टेक्नीशियन्स को लगाया गया है। लेकिन सैंपल लेने में किसी स्तर पर खामी हो जाने की स्थिति में व्यापक स्तर पर सैंपल हायर सेंटर से रिजेक्ट हो रहे हैं। कोरोना संदिग्धों के सैंपल रिजेक्ट होने की वजह से महामारी के फैलने का अंदेशा बढ़ रहा है। मरीजों की रिपोर्ट सही नहीं मिल पा रही है।
Read this also: अस्पताल में किसी को जमीन पर लेटाया तो कहीं एक ही बेड पर दो-दो घायल
आंकड़ों पर अगर गौर करें तो अबतक 988 लोगों की ही सैंपलिंग हो सकी है। यानी नौ लाख की आबादी वाले जिले में प्रति एक लाख पर 109 जांच। जांच रिपोर्ट के अनुसार 701 लोगों की रिपोर्ट अभी तक आ चुकी है। 2 केस पाॅजिटिव पाए गए हैं जबकि एक मरीज की मौत हो चुकी है। 587 लोग नेगटिव पाए गए हैं। सबसे हैरान करने वाला आंकड़ा रिजेक्ट सैंपल का है। पूरे हुए 701 रिपोर्ट में 113 सैंपल रिजेक्ट हो गए हैं। यानी 16 प्रतिशत से अधिक सैंपल रिजेक्ट हो गए हैं।
इतने व्यापक स्तर पर सैंपल रिजेक्ट होने से महामारी रोकने की दिशा में कई प्रकार की अड़चने आ सकती हैं। समीक्षा करते हुए जिला कलक्टर ने स्वास्थ्य महकमा पर नाराजगी जताई है। स्वास्थ्य विभाग के जानकारों की मानें तो सैंपल रिजेक्ट होने का दो कारण हो सकता है। पहला कि सैंपल में निर्धारित मानक स्तर का आरएनए जो जांच के लिए जरूरी है न सैंपल में हो। दूसरा यह कि सैंपल की मार्किंग, लेवलिंग व पैंकिंग में गलती की गई है। इस गलती की सीधी जिम्मेदारी लैब टेक्नीशियन्स की होगी।
उधर, कलक्टर के कार्रवाई के आदेश के बाद सीएमएचओ डाॅ.जेआर त्रिवेदिया ने बताया कि बड़ी संख्या में सैंपल रिजेक्ट होना गंभीर विषय है। जिले के लैब टेक्नीशियन्स को इस बाबत नोटिस जारी किया गया है।