ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के लिए पहुंचे थे। यहां लोगों से बात करते हुए उन्होंने कहा- मुझे 17 सालों तक आप लोगों की सेवा करना का मौका मिला। मैं आप लोगों के लिए झंड़ा लेकर प्रदेश और देश के घर कौन में गया। सिंधिया ने कहा मैंने इन 17 सालों तक कोशिश करता रहा कि आपके क्षेत्र का विकास हो। भ्रष्टाचार यहां नहीं फैले लेकिन कहीं ना कहीं मेरे में ही कोई कमी रह गई होगी। उन्होंने कहा साढ़े तीन महीने मैं कई कारणों से बिजी थी। उन्होंने लोगों से कहा कि मैं आप लोगों से झूठ नहीं बोलूंगा मेरे मन में पीड़ा है। लेकिन जैसे ही पता चला कि क्षेत्र में बाढ़ आई है तो मैं खुद ही आप लोगों के पास आया हूं। मेरे पास कोई जिम्मेदारी नहीं है। सिंधिया ने लोगों से कहा- मैं अपनी जिम्मेदारी तभी पूरी कर पाऊंगा जब आप अपनी जिम्मेदारी पूरी करेंगे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- मैं यहां से सीधे भोपाल जाऊंगा और मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करूंगा। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार किसान और गरीबों के लिए हमेशा खड़ी है। सिंधिया ने कहा- मेरा और आपका रिश्ता मैंने सदैव माना था, हृदय का रिश्ता है। विकास और प्रगति का रिश्ता है और मैंने तो माना था कि एक-एक जन-जन के हृदय के अंदर बसकर एक रिश्ता है। 17 साल आपकी सेवा करने का सौभाग्य मुझे मिला और जो संभव हो सका वो मैंने कोशिश की। लेकिन जब मैंने सुना क्षेत्र में बाढ़ आई है, मेरी जनता परेशान है, मेरे परिवार के लोग परेशान हैं। क्योंकि कई चीज होती है जो मस्तिष्क में नहीं दिल में आवाज करती है क्योंकि मेरा और आपका दिल का रिश्ता है।
सिंधिया ने कहा- उसी समय मैंने सरकार के राजस्व मंत्री को फोन किया और मैंने उनसे अनुरोध किया कि मैं अपने गांव में जाना चाहता हूं। आप हमारे साथ चलें। क्योंकि जो मैंने सदैव माना है कि सुख के समय में मैं आपके साथ रहूं या ना रहूं, लेकिन एक सामान्य नागरिक के रूप में, क्योंकि अब यही मेरी हैसियत है। एक सामान्य नागरिक के रूप में जब आपके ऊपर दुख का पहाड़ टूटेगा तो कोई और आए या ना आए, लेकिन सिंधिया परिवार का मुखिया आपके साथ जरूर होगा।