ईसागढ़. तहसील के छीरखेड़ा निवासी और पुलिस विभाग में कार्यरत एक हेड कांस्टेवल की बीमारी उसकी जिंदगी के साथ रैंक की भी दुश्मन बन गई। दरअसल, हाल ही में उन्हें एचसीएम से एएसआई के लिए पदोन्नति मिली थी। लेकिन पदोन्नति के बाद वह एएसआई के पद पर अपनी आमद नहीं दे पाए। अब पुलिस के […]
ईसागढ़. तहसील के छीरखेड़ा निवासी और पुलिस विभाग में कार्यरत एक हेड कांस्टेवल की बीमारी उसकी जिंदगी के साथ रैंक की भी दुश्मन बन गई। दरअसल, हाल ही में उन्हें एचसीएम से एएसआई के लिए पदोन्नति मिली थी। लेकिन पदोन्नति के बाद वह एएसआई के पद पर अपनी आमद नहीं दे पाए। अब पुलिस के आला अधिकारी भी असमंजस में हैं और नियम देखकर ही कुछ कहने की बात कह रहे हैं।
जानकारी के अनुसार ब्लॉक के छीरखेड़ा निवासी रविन्द्र राजौरिया जिले के बहादुर पुर थाने में एचसीएम के पद पर थे। बताते हैं कि लगभग चार महीने पहले एचसीएम का स्वास्थ्य खराब हुआ तो उन्हें उपचार के लिए भोपाल ले जाया गया। जहां उनका लगातार उपचार हुआ। इसके बाद उन्हें इंदौर और कई स्थानीय अस्पतालों में भी दिखाया लेकिन कोई लाभ नहीं मिला।
सूत्रों की मानें तो हाल ही में एचसीएम रविन्द्र राजौरिया को पदोन्त कर एएसआई बनाया गया। लेकिन बीमारी के कारण वह एएसआई के पद पर आमद नहीं दे सके। परिजनों ने बताया कि बुधवार को उपचार के लिए उन्हें दिल्ली भी ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
वेतन मिलने में भी आई परेशानी
दिवंगत एचसीएम के परिजनों को इलाज के अलावा आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ा। बताते हैं कि जब रविन्द्र का भोपाल के अस्पताल में उपचार चल रहा था तभी उनकी वेतन रोक ली गई। इसके बाद परिजनों ने काफी प्रयास किए लेकिन वेतन नहीं मिला। इधर एचसीएम की खराब हालत को देखते हुए डाक्टर उन्हें दिल्ली ले जाने की सलाह दे रहे थे। आखिर में जब मामला पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में आया तो उन्होंने वेतन दिए जाने की पहल की और मरीज को दिल्ली ले जाया गया। लेकिन इलाज में देरी के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका।
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