मामला तुलसी सरोवर स्थित शासकीय मावि क्रमांक-2 का है। यहां दो परिवारों के बच्चे बिना स्वेटर के ही कांपते हुए नंगे पैर स्कूल पहुंच गए। शिक्षक ने उन्हें देखा तो चौंक गए। वे तत्काल बाजार गए और दो स्वेटर, पायजामा और चप्पल खरीद लाए। दोनों बच्चों को पहनाया। इसके बाद गर्माहट आई तो दोनों बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे।
शासकीय माध्यमिक विद्यालय-2 में दो शिफ्टों में क्लास चल रहीं हैं. इस स्कूल की पहली शिफ्ट सुबह 8.30 बजे और दूसरी शिफ्ट दोपहर 12 बजे शुरू होती है। कड़कड़ाती ठंड के बीच सुबह जब बिना स्वेटर के बच्चे पहुंचे तो हर कोई हैरान रह गया।
ये है मामला
कड़कड़ाती सर्दी के बीच मंगलवार को तीसरी कक्षा की छात्रा सिर पर टोपा लगाए बिना स्वेटर और बिना बांह की पतली फ्रॉक पहने नंगे पैर स्कूल पहुंची। एक और छात्र भी इसी तरह कड़ाके की सर्दी व सर्द हवा के बीच बिना स्वेटर फटे हुए कंपड़ों और पिन से जुड़ी चप्पल पहनकर स्कूल पहुंचा। उन्हें कक्षा में कांपते देख शिक्षक राजेंद्र चौधरी और राजकुमार शर्मा ने अपने पैसों से स्वेटर, पायजामा और चप्पल खरीदकर उन्हें पहनाई। बताते हैं, बच्चों के घर की माली हालत अच्छी नहीं है।
यहां भी ऐसी ही हालत
यह सिर्फ शहर के एक स्कूल का मामला नहीं है, बल्कि शहर के अन्य शासकीय स्कूलों व ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ज्यादातर बच्चे ऐसी कड़ाके की सर्दी के बीच बिना स्वेटर और नंगे पांव स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं। बताते हैं, सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले अधिकतर बच्चों के परिवारों की आर्थिक हालत बेहद खराब है। वे स्कूल ड्रेस तो दूर ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों की खरीदारी करने में समर्थ नहीं हैं। यही कारण है कि सर्दी बढऩे के साथ ही ज्यादातर स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति कम हो गई है। यह संख्या घटकर आधी से भी कम रह गई है।