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अशोकनगर

पेयजल समस्या: हैंडपंप सूखे व ट्यूबवेलों में घटा पानी, निचली कॉलोनियों में गहराया जल संकट, पैसों में भी नहीं मिल पा रहा रोज पानी

ट्यूबवेलों के साथ टैंकरों पर भी लग रही भीड़, – सड़कों पर दिखने लगे पेयजल संकट के हाल, कोई हाथठेला तो कोई साइकिलों से ढ़ो रहा पानी।

अशोकनगरMay 19, 2022 / 09:27 pm

Arvind jain

Drinking water problem

Drinking water problem


अशोकनगर. बढ़ती गर्मी के साथ शहर की निचली कॉलोनियों में जल संकट गहराने लगा है। जलस्तर घटने से जहां हैंडपंप तो सूखे ही, साथ ही ट्यूबवेलों में भी पानी घट गया। इससे प्राइवेट टैंकरों पर भी भीड़ लगने लगी है और लोगों को पैसों में भी रोज पानी नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन लोग हाथठेलों व साइकिलों से दूर से पानी ढ़ोने के लिए मजबूर हैं।
शहर में जलसंकट गहराने से सड़कों से लेकर सरकारी ट्यूबवेल और निजी टैंकरों पर पानी के लिए दिनभर भागमभाग दिखने लगी हैं। शंकर कॉलोनी, पूजा कॉलोनी, त्रिलोकपुरी कॉलोनी और कबीरा रोड स्थित बौद्ध विहार के सामने स्थित कॉलोनी में सबसे ज्यादा समस्या है। जहां सरकारी ट्यूबवेलों पर दिनभर लोगों की भीड़ लगी रहती है। साथ ही लोगों का कहना है कि पहले प्राइवेट टैंकरों से आसानी से तीन रुपए केन में पानी मिल जाता था। लेकिन अब स्थिति यह है कि गलियों में लोग खाली बर्तन लेकर प्राइवेट टैंकरों के इंतजार में खड़े रहते हैं और टैंकर आते ही भीड़ लग जाती है, इससे लोगों को पैसों में भी रोज पानी नहीं मिल पा रहा है।
ट्यूबवेलों में पानी घटा तो घंटेभर भी नहीं चल पा रहे-
जहां पहले नपा सुबह-शाम निर्धारित समय पर सरकारी ट्यूबवेलों से पानी भरवा रही थी, लेकिन गर्मी के मौसम में लोगों की भीड़ व समस्या देख दिनभर चलाने के निर्देश दिए। घटते जलस्तर का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि ट्यूबवेल घंटेभर से ज्यादा नहीं चल पा रहे हैं, इससे जब लोग एकत्रित हो जाते हैं तो पानी चालू कर दिया जाता है। 10 मिनिट बंद करने पर ट्यूबवेल चालू करने पर चार बर्तन भी भर पाते हैं, 20 मिनिट बंद करने के बाद आठ बर्तन ही भरे जा रहे हैं, इससे लोग ट्यूबवेलों में खाली बर्तन लेकर पानी एकत्रित होने का इंतजार में बैठे रहते हैं, जैसे ही ट्यूबवेल चालू होता है तो भीड़ बढ़ जाती है।
स्थिति: पानी ढ़ोने सड़कों पर लग रही लोगों की भीड़-
घरों पर पेयजल की व्यवस्था करने के लिए लोग दिनभर और आधी रात तक सड़कों पर पानी ढ़ोते हुए नजर आते हैं। कई लोग हाथठेलों पर पानी से भरे बर्तन रखकर तो कोई साइकिल व ऑटो में पानी के बर्तन रखकर ढ़ोते दिख रहा है, तो वहीं कई लोग पैदल ही पानी ढ़ोते देखे जा सकते हैं। घरों पर पेयजल की व्यवस्था करने के लिए लोग दिनभर मशक्कत करते नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि नपा को शहर में पानी के टैंकर शुरु कराना चाहिए, ताकि पानी की समस्या खत्म हो सके।
यह भी खास-
– गर्मी के मौसम में पानी की खपत बढ़ जाने से लोगों को ज्यादा पानी की जरूरत पड़ रही है, इससे लोग दिनभर पानी ढ़ोने में जुटे रहते हैं।
– पर्याप्त पानी की व्यवस्था करने परिवारों को रोज 100 से 150 रुपए खर्च करके पानी खरीदना पड़ रहा है, खरीदने भी भीड़ लगती है।
– रोज पानी न मिल पाने से लोगों को एक दिन में ही दो दिन तक की व्यवस्था का पानी एकत्रित करके रखना पड़ रहा है।
– कई कॉलोनियों में हैंडपंप सूख जाने से लोगों को हैंडपंपों से भी पानी नहीं मिल पा रहा है, इससे लोग पेयजल के लिए परेशान हैं।
स्पीक आउट-
रहवासियों से जाने पेयजल के हाल-
पानी की समस्या बढ़ गई है, प्राइवेट टैंकर आने के इंतजार में बैठे हुए हैं, ढ़ाई महीने से दोनों हैंडपंप सूखे पड़े हैं। टैंकरों पर भीड़ लगने से पैसों से भी रोज पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।
आपदाबाई, पूजा कॉलोनी
पानी से बहुत दुखी हैं, सरकारी हैंडपंप महीनों से बंद पड़े हैं, प्राइवेट टैंकरों पर ही निर्भर हैं, रोज 100 रुपए का पानी खरीद रहे हैं, सरकारी ट्यूबवेलों पर भी दिनभर भीड़ लगी रहती है, इससे भर नहीं पाते हैं।
शबीना बानो, पूजा कॉलोनी

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