मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद एक बार फिर यूपी की इस जेल में हुआ संघर्ष- देखें वीडियो
इतने रुपये में होता था तैयार
बीती 26 दिसंबर को एनआइए और एटीएस द्वारा अमरोहा से आइएस के संगठन हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम से जुड़े संदिग्ध आतंकी मुफ्ती सुहैल, सईद, रईस व इरशाद पकड़े गए थे। मंगलवार को एनआइए की एक टीम सईद को लेकर अमरोहा भी आई थी। जबकि शेष से दिल्ली में पूछताछ जारी है। एनआइए से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को हुई पूछताछ में मुफ्ती सुहैल, रईस व इरशाद ने कई अहम जानकारियां दी हैं। सुहैल के इशारे पर अमरोहा के गांव सैदपुर इम्मा के सगे भाई सईद व रईस 10 से 12 हजार रुपये में देसी रॉकेट लांचर तैयार करते थे। सुहैल उनसे 20 से 25 हजार रुपये में एक लांचर खरीदता था। इसके बाद इरशाद के आटो से उन्हें प्राइवेट बस तक पहुंचाया जाता था। बस से दिल्ली के जाफराबाद तक टुकड़ों में कर रॉकेट लांचर पहुंचाए जाते थे। यह सिलसिला यहीं नहीं थमा।
Big Breaking- इस नेता ने बुलदंशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज को पुलिस को सौंपा!
पाकिस्तान कनेक्शन तो नहीं सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में बैठ कर सुहैल जम्मू-कश्मीर के आतंकियों को एक से सवा लाख रुपये में एक रॉकेट लांचर बेचता था। वहां जाकर उस पर फिनिशिंग का काम कर तैयार किया जाता था तथा आतंकियों को दे दिया जाता था। एनआइए के सूत्र बताते हैं कि अब सुरक्षा एजेंसिया इस बात की पड़ताल भी कर रही हैं कि कहीं इसका कनेक्शन पाकिस्तान से तो नहीं है।