मिली जानकारी के अनुसार जिले के बाबा बकाला सब-डिवीजन के गांव जोधा निवासी बलवंत सिंह 2015 में अमरीका गया था और वहां की नागरिकता ले थी। 9 दिसंबर को ही वह अमेरिका से गांव लौटा था। मृतक के पिता बलविंदर सिंह का कहना है कि उसकी किसी के साथ दुश्मनी नहीं थी।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात बलवंत सिंह अपने परिजनों के साथ कादियां में रहने वाले अपने दो रिश्तेदारों को मिलने के लिए किराए की टैक्सी से गया था। रात आठ बजे जब वह और उनका बेटा कादियां से लौट रहे थे, तो उनके भतीजे हरमनप्रीत सिंह का फोन आया कि पल्सर बाइक पर तीन नौजवान आए हैं और बलवंत से मिलना चाहते हैं। इस पर उसने अपने भतीजे से कहा कि जब तक बलवंत घर नहीं पहुंचता, इन तीनों नौजवानों को चाय पानी पिलाए। इस पर हरमनप्रीत सिंह ने इन तीनों नौजवानों को घर के भीतर आने के लिए कहा और चाय-पानी के बारे में पूछा। तीनों ने घर में आने से इंकार करते हुए कहा कि वह कुछ देर में वापस आएंगे।
कुछ घंटे बाद बलवंत घर पर आया तो आरोपियों ने बाहर बुलाकर उसे गोलियों से भून डाला। हत्यारों ने बलवंत सिंह को 16 गोलियां मारी बलवंत की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही अमृतसर (देहात) पुलिस के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे। पुलिस ने बलवंत सिंह के शव को कब्जे में लेकर उसे बाबा बकाला स्थित सिविल अस्पताल में रखा। शनिवार सुबह बलवंत सिंह के शव का पोस्टमार्टम किया गया।