मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण प्रशांत महासागर ( Pacific Ocean ) में किया गया। अमरीकी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मिसाइल का सफल परीक्षण प्रशांत महासागर के ऊपर किया गया। बता दें कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( US President Donald Trump ) ने इस साल मई महीने में इस तरह की मिसाइल के परीक्षण का इशारा किया था।
उन्होंने कहा था कि अमरीका एक हायपरसोनिक मिसाइल तैयार करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, यह पहली बार है जब किसी अमरीकी सैन्य अधिकारी ( US military officer ) ने इसकी पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि अमरीका इस साल एक क्रूज मिसाइल ( Cruise missile ) का भी परीक्षण करने वाला है। लेकिन इस मिसाइल को परमाणु शक्ति से लैस नहीं किया जाएगा।
अमरीका 40 हायपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण करेगा
आपको बता दें कि हायपरसोनिक या सुपरसोनिक मिसाइलों ( Supersonic Missile ) के मामले में रूस और चीन अमरीका से काफी आगे हैं। यही कारण है कि अब अमरीका रूस ( Russia ) और चीन ( China ) को पछाड़ने के लिए लगातार इस तरह के मिसाइल का परीक्षण कर रहा है।
अमरीका के डिफेंस रिसर्च एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ( Defense Research and Engineering Department ) के डायरेक्टर मार्क लेविस ने 30 जून को बताया कि अमरीकी सेना अगले चार वर्षों में हायपरसोनिक मिसाइलों की 40 फ्लाइट टेस्ट को अंजाम देगा।
America, Britain और Canada ने Russia पर Corona Vaccine रिसर्च चुराने का लगाया आरोप
उन्होंने बताया कि प्रशांत महासागर क्षेत्र में लंबी की दूरी की मिसाइल एक्स-51 ( Missile X-51 ) का परीक्षण किया गया है। लेविस ने बताया कि इस तरह के हथियारों के मामले में रूस और चीन अमरीका से आगे हैं। इसे देखते हुए ट्रंप प्रशासन भी हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार करने पर ध्यान दे रहा है। अमरीकी रक्षा वैज्ञानिक ने कहा- चीन ने अमरीकी सूत्रों का इस्तेमाल करके यह टेक्नोलॉजी हासिल की है।
आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ( Russian President Vladimir Putin ) ने दिसंबर 2019 में ही अपने रक्षा बेड़े में पहली हायपरसोनिक मिसाइल एवनगार्ड को शामिल करने का ऐलान किया था। वहीं चीन ने रूस से दो महीने पहले अक्टूबर 2019 में अपने डीएफ-17 हायपरसोनिक मिसाइल की जानकारी दी थी।