हालांकि अब अमरीका के शीर्ष समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप का कश्मीर विवाद पर बयान देना सबसे बड़ी भूल है। वाशिंगटन पोस्ट ने कहा कि कश्मीर विवाद पर मध्यस्थता करने की बात कहकर ट्रंप ने भारत के साथ सुधर रहे रिश्तों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं।
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समाचार पत्र ने कहा है कि ट्रंप ने इस तरह का बयान देकर उच्च कोटि की कूटनीतिक भूल की है। ट्रंप के इस बयान से एक महत्वपूर्ण देश हमसे दूर हो सकता है।
‘डोनाल्ड ट्रंप का बयान सबसे बड़ी भूल’
समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में आगे लिखा कि ट्रंप ने हद दर्जे की राजनयिक भूल की है। भारत के साथ व्यापार युद्ध के बाद, कश्मीर मामले पर उनकी भूल एक अहम देश को अमरीका से दूर कर देगी। वाशिंगटन पोस्ट ने माना कि चीन से मुकाबला करने के लिए अमरीका को भारत का साथ चाहिए।
अखबार के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बराक ओबामा ने भारत के साथ संबंधों में सुधार किया। लेकिन अब राष्ट्रपति ट्रंप अपने कुछ गलत शब्दों के जरिए उस पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं।’
आगे यह भी लिखा कि ट्रंप अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों को वापस लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और उन्हें लगता है कि इसके लिए यदि वह पाकिस्तान को खुश करते हैं तो अमरीका आसानी से सम्मान से साथ वहां से निकल पाएगा।
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रिपोर्ट में आगे यह भी कहा है कि अफगानिस्तान से अमरीका के निकलने में मदद करने में पाकिस्तान का ही फायदा है। अमरीका के निकलने के साथ ही तालिबान, हक्कानी नेटवर्क को ताकत मिल जाएगी। लेकिन हर बार की तरह ट्रंप इस बात से अंजान हैं कि उन्हें मूर्ख बनाया जा रहा है।
कश्मीर विवाद पर ट्रंप का बयान
बता दें कि सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ व्हाइट हाउस में बैठक के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि कश्मीर विवाद पर वे मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा था कि दो हफ्ते पहले ओसाका में G20 समिट के दौरान पीएम मोदी ने भी उनसे कश्मीर विवाद पर मध्यस्थता के लिए आग्रह किया था।
ट्रंप के इस बयान के बाद से पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई थी। हालांकि ट्रंप के बयान के बाद फौरन विदेश मंत्रालय ने इसपर आपत्ति दर्ज कराई और ट्रंप के बयान का खंडन किया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कर दिया कि पीएम मोदी ने कभी भी ट्रंप के साथ इस तरह का आग्रह नहीं किया है। कश्मीर विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला है।
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अमरीकी विदेश मंत्रालय ने भी भारत के विरोध के बाद फौरन अपनी भूल सुधारने की कोशिश की ओर एक बयान जारी करते हुए कहा कि वह कश्मीर को भारत एवं पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा मानता है। अमरीका इस विषय पर तभी आगे आएगा जब दोनों देश एकमत होकर चाहेंगे।
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