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अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से अमेरिकी संसद से मांगा गया खर्चा

USA Illegal Immigrants: अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने के खर्च पर अमेरिका के बॉर्डर प्रमुख ने कहा है कि इस योजना में कुल 86 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा। बॉर्डर प्रमुख टॉम होमन को हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने नियुक्त किया है।

नई दिल्लीDec 26, 2024 / 10:49 am

Jyoti Sharma

Deportation of illegal immigrants from USA will cost 85 billion Dollar

Deportation of illegal immigrants from USA will cost 85 billion Dollar

USA Illegal Immigrants: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नियुक्त किए बॉर्डर निगरानी प्रमुख गवर्नर टॉम होमन ने कहा है कि अमेरिका से अवैध प्रवासियों के सामूहिक निर्वासन (Mass Deportation) योजना शुरू करने के लिए 86 बिलियन डॉलर की जरूरत होगी। मीडिया से बात करते हुए होमन ने कहा कि ट्रम्प (Donald Trump) का निर्वासन प्रस्ताव ‘महंगा’ होने जा रहा है। लेकिन उन्होंने करदाताओं को आश्वासन दिया कि इससे आने वाले भविष्य में पैसे की बचत होगी।

अमेरिकी संसद दे खर्चा

उन्होंने कहा, कांग्रेस (अमेरिकी संसद) को इस निर्वासन अभियान के लिए धन मुहैया कराना चाहिए।…यह महंगा होने जा रहा है, और हर कोई इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा है कि यह कितना महंगा होने जा रहा है। पर, हमें यह समझने की जरूरत है कि शुरुआत में यह जरूर महंगा होने जा रहा है, लेकिन लंबे समय में ये टटैक्स देने वालों के अरबों डॉलर की बचत भी करने जा रहा है। होमन ने हाल ही में कहा था कि वह वर्तमान में हजारों की संख्या में मौजूद ‘डिटेंशन बेड्स’ के स्थान पर 100,000 ‘डिटेंशन बेड्स’ बिस्तर चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि संघीय सरकार को अवैध प्रवासियों को अमेरिका से बाहर निकालने के लिए अधिक जेल बिस्तरों, निर्वासन उड़ानों और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नकदी की जरूरत है।

कनाडा में एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम बदला, भारतीय प्रभावित

उधर, कनाडा में परमानेंट रेजिडेंसी हासिल करने की सोच रहे भारतीयों के लिए बुरी खबर है। कनाडाई सरकार ने एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम में एक बड़ा बदलाव कर दिया है, जो कि मार्च 2025 से लागू होंगे। एक्सप्रेस एंट्री एक ऑनलाइन सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल कनाडाई सरकार स्किल वर्कर्स की तरफ से परमारेंट रेजिडेंट के लिए दिए गए एप्लिकेशन को मैनेज करने के लिए करती है। इसमें लोगों को उनकी डिग्री, क्वालिफिकेशन और वर्क एक्सपीरियंस, कनाडा में जॉब ऑफर के हिसाब से प्वाइंट्स मिलते हैं। पर अब जॉब ऑफर के आधार पर प्वाइंट नहीं मिलेंगे।




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