मगर इस दौरान ट्रंप प्रशासन की ओर से उन्हें हताशा ही हाथ लगी है। ट्रंप प्रशासन ने पूरी यात्रा में इमरान खान को तवज्जो नहीं दी है। चाहे वह अमरीकी एयरपोर्ट पर उनके स्वागत की बात हो या उनके आवामगन की सुविधा हो। एक राष्ट्राध्यक्ष को लेकर इस तरह का व्यवहार इमरान खान के लिए चिंता का सबब है।
बीते साल पाकिस्तान में आम चुनाव जीतने के बाद से इमरान खान पर लगातार आर्थिक दबाव बढ़ता गया है। अमरीका लगातार पाकिस्तान पर आतंक पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाता रहा है। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान की दुनिया भर में किरकिरी हुई है।
इसे देखते हुए अमरीका ने उससे पूरी तरह से दूरी बना ली थी। यह इमरान के सुनहरा अवसर है कि वह अमरीका को दोबारा से अपने करीब लेकर आए। बीते दशकों में पाकिस्तान और अमरीका के बीच संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं
अमरीका में भी नवाज शरीफ को नहीं भूले इमरान, जेल में एसी-टीवी की सुविधा न देने का एलान
ट्रंप की मेजबानी के कई अर्थगौतलब है कि इमरान खान पहली बार अमरीकी राष्ट्रपति से आमने-सामने की मुलाकात करेंगेे। इससे शंघाई शिखर सम्मेलन में दोनों राष्ट्राध्यक्ष मिले जरूर थे। मगर दोनों के बीच कोई अधिकारिक बैठक नहीं हो सकी। वहीं के पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ट्रंप ने कई मुलाकतें की हैं।
इमरान को काफी मशक्कत करने के बाद इस बैठक का मौका मिला है। इसमें अमरीका का हित छिपा हुआ है। अमरीका चाहता है कि अफगानिस्तान के साथ शांति वार्ता में वह अपनी अहम भूमिका अदार करे। इस तरह से यहां पर शांति कायम की जा सकती है।
गौरतलब है कि अमरीकी दौरे वाले दिन शनिवार शाम को इमरान खान के अमरीका पहुंचने के बाद एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी के लिए अमरीकी प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी मौजूद नहीं था। पीएम इमरान खान को मेट्रो में बैठकर होटल जाना पड़ा। खुद पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अमरीका में रहने वाले कुछ पाकिस्तानी लोगों के साथ एयरपोर्ट पहुंचे थे। पाक प्रधानमंत्री के तौर पर इससे पहले अक्टूबर 2015 में नवाज शरीफ ने अमरीका की आधिकारिक यात्रा की थी।
विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..