पुलवामा आतंकी हमले के बारे में इमरान खान ने कहा कि ये एक ऐसा मामला था, जिसे स्थानीय आतंकियों ने अंजाम दिया था। उन्होंने दावा किया कि जैश-ए-मोहम्मद ना सिर्फ पाकिस्तान में मौजूद है, बल्कि कश्मीर में भी वहां से काम करता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकारों ने अमरीका को ये सच्चाई नहीं बताई, विशेष रूप पिछले 15 सालों में इसकी कोई सूचना नहीं दी गई। इमरान ने कहा कि वे आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का 9/11 हमले से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई हमलों के पीछे पाकिस्तान के आतंकी समूहों का हाथ है।
अल-कायदा का संबंध अफगानिस्तान से था। पाकिस्तान में कोई आतंकवादी तालिबान का नहीं था। उन्होंने कहा कि वह अमरीकी युद्ध में शामिल हो गए हैं। दुर्भाग्य से,जब चीजें गलत हुईं,जहां मैं अपनी सरकार को दोषी मानता हूं, हमने अमरीका को जमीन पर सच्चाई नहीं बताई।
वह कैपिटल हिल स्थित एक प्रेस कॉफ्रेंस में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इमरान खान ने यह खुलकर माना कि आतंकियों पर पाकिस्तानी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं था । खान ने आगे कहा कि 40 अलग-अलग तरह के आतंकी संगठन पाकिस्तान में संचालित थे। इसलिए पाकिस्तान एक ऐसे दौर से गुजरा है, जहां हमारे जैसे लोग चिंतित थे। उस समय पाकिस्तान अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा था। खान ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण था कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य शीर्ष अमरीकी नेताओं से मिले।
पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि रिश्ता आपसी विश्वास पर आधारित होता है। खान ने कहा कि वह अमरीका को ये बताने में ईमानदारी दिखाएंगे कि पाकिस्तान शांति प्रक्रिया में खास भूमिका अदा करेगा। उन्होंने कहा कि वह वार्ता को शुरू करने के लिए तालिबान को मनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।