मारे गए बाकि 60 लोगों के अफगानी नागरिक होने का अनुमान है। घायलों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। मृतकों की संख्या और बढऩे की आशंका भी जताई गई है। अमरीकी अधिकारियों के मुताबिक, 12 सैनिकों की मौत के अलावा हमारे 60 से अधिक जवान घायल हुए हैं।
वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि काबुल एयरपोर्ट के पास दो आत्मघाती हमलावर और कुछ बंदूकधारी थे, जिन्होंने भीड़ और सैनिकों को निशाना बनाया। हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस-के ने ली है।
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बहरहाल, अमरीका ने स्पष्ट कर दिया है इन धमाकों से वह डरेगा नहीं। अफगानिस्तान से अपने नागरिकों, ग्रीन कार्ड होल्डर्स, अफगानी सहयोगियों और अमरीकी सैनिकों को निकालने का अभियान जारी रहेगा। अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने इसकी पुष्टि की है।
अमरीकी अधिकारियों के अनुसार, काबुल एयरपोर्ट पर हुए धमाकों में अब तक 11 अमरीकी नौसैनिक और नौसेना के एक मेडिकल ऑफिसर की मौत हुई है, जबकि 60 से अधिक सैनिक अस्पताल में मौत से जूझ रहे हैं। अमरीकी अधिकारियों ने भी हमलों के लिए आईएस को जिम्मेदार ठहराया है।
इन दहला देने वाले बम धमाकों में अपने सैनिकों को खोने के बाद अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने आतंकियों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा- हम इसे भूलेंगे नहीं। तुम्हें माफ भी नहीं करेंगे। हम खोज-खोजकर शिकार करेंगे और तुम्हें मारेंगे। इसका अंजाम भुगतना ही होगा। बिडेन ने यह भी कहा कि काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का फिलहाल कोई सबूत नहीं मिला है। हम इन हमलों के बाद भी अफगानिस्तान से अमरीकी नागरिकों और अफगानी सहयोगियों को बाहर निकालेंगे। हमारा मिशन जारी रहेगा।
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दूसरी ओर, मृतकों की संख्या को लेकर अभी तक साफ तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि सभी के बयान अलग हैं। वहीं, अफगानिस्तान में अस्पतालों का संचालन करने वाली इटली की एक संस्था ने बताया कि हमले में घायल लोगों का इलाज चल रहा है। इनमें दस घायल ऐसे थे, जिन्होंने अस्पताल लाने के दौरान दम तोड़ दिया। अफगानिस्तान में संस्था के प्रबंधक मार्को पुनतिन ने बताया कि 24 घंटे सेवा जारी है। डॉक्टर और स्टॉफ हर समय उपलब्ध रहेंगे। घायलों की बढ़ती संख्या के बाद बिस्तरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।