उनकी अगवानी के लिए सिर्फ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी वहां पहुंचे थे। अभी तक की यात्रा को देखे तो ऐसे कई पल हैं जब पाक पीएम को असहज कर देने वाली परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।
पीएम मोदी के अंदाज में इमरान खान ने अमरीका में बसे पाकिस्तानियों को संबोधित किया। शायद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसकी प्रेरणा ली होगी। इमरान के सामने पाकिस्तान की माली हालत सुधारने की बड़ी चुनौती है, इसलिए वह विदेशों में बसे पाकिस्तानियों से आस लगाए हैं। उन्हें प्रवासी पाकिस्तानियों से देश में ज्यादा धन भेजे जाने की उम्मीद है। मगर इस मौके पर भी वह असहज हो गए, जब बलूचिस्तान के कार्यकर्ताओं ने उनके भाषण के दौरान जमकर नारेबाजी की। उन्होंने इमरान के समाने पाक विरोधी नारे लगाए।
इमरान खान पाकिस्तान के ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं जो अमरीका के आधिकारिक दौरे पर किसी होटल में नहीं रुके, बल्कि वह अमरीका में पाकिस्तानी हाई कमिश्नर के घर रुके। इससे पाकिस्तान के सरकारी खजाने पर 4 लाख डॉलर बोझ घट गया। 2015 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ उस समय के अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने गए थे तो सरकारी खजाने से 4 लाख 60 हजार डॉलर खर्च हुए थे। मगर इसे लेकर इमरान खान के व्यक्तिव की महानता को लेकर चर्चा नहीं है। उलटा उनके इस कदम को लेकर मजाक बनाया जा रहा है।
मीडिया पाकिस्तान के आर्थिक हालात का हवाला देकर इमरान के इस निर्णय को मजबूरी वाला कदम बताया जा रहा है। पहली बार ऐसा हुआ कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अपने प्राइवेट जेट से नहीं, बल्कि कमर्शल एयरलाइंस से अमरीका के आधिकारिक दौरे पर हैं। इमरान खान ने कतर एयरवेज से पहले दोहा पहुंच जहां एयरलाइन के सीईओ अकबर अल बक्र ने उनकी मेहमान-नवाजी की।
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