ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सभी देशों ने इसे तालिबान से किसी भी संपर्क की पहली शर्त माना है। वहीं, अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि तालिबान के सहयोग करने पर ही समयसीमा के अंदर अफगानिस्तान को खाली किया जा सकेगा।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के मुताबिक, हमने तय किया है कि अफगानिस्तान फिर आतंकवाद का जन्मदाता देश नहीं बन सकता। अफगानिस्तान एक नार्कों यानी नशीले पदार्थों वाला देश नहीं हो सकता। लड़कियों को 18 साल की उम्र तक शिक्षा देनी ही होगी।
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हालांकि, जॉनसन ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन से उनके तालिबान से निपटने के तरीके और अफगानिस्तान में अमरीकी जवानों के बने रहने की समय-सीमा को आगे बढ़ाने से इनकार करने को लेकर अन्य जी-7 नेताओं ने बैठक में नाराजगी जाहिर की है।
वहीं, अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि हम 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोडऩे की दिशा में काम कर रहे हैं। मगर यह तभी संभव होगा, जब तालिबान सहयोग करे। जो लोग एयरपोर्ट पहुंचना चाहते हैं, उन्हें नहीं रोका जाए और न ही हमारे किसी ऑपरेशन में किसी भी तरह की रुकावट पैदा की जाए।
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जो बिडेन ने यह भी कहा कि जी-7 नेताओं, यूरोपिय यूनियन, नॉटो और संयुक्ट राष्ट्र तालिबान के खिलाफ हमारी सोच के साथ खड़े हैं। हम देखेंगे कि वह क्या करते हैं और उसी आधार पर आगे फैसला लिया जाएगा। बिडेन ने कहा कि आने वाले दिनों में तालिबान के बर्ताव को देखकर ही हम भविष्य की रणनीति पर काम करेंगे।