ट्रंप ने बुधवार को उन तीन प्रस्तावों को खारिज कर दिया जिसे अमरीकी सदन ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ पास किया था।
ट्रंप ने सऊदी अरब को अरबों डॉलर के हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए संसद में पेश किए गये तीन प्रस्तावों पर वीटो कर दिया।
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बता दें कि सदन ने बीते बुधवार को सऊदी अरब के खिलाफ एक बड़ा फैसला लिया था। सदन ने सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों को 8.1 बिलियन डॉलर के हथियार बेचने पर रोक लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। हालांकि, तभी माना जा रहा था कि इस फैसले के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ट्रंप ने फैसले का किया बचाव
बता दें कि बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि ये प्रस्ताव एस जे रेज 36, 37 और 38 अमरीका की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को कमजोर करेगा और हमारे सहयोगियों तथा साझेदारों के साथ अहम रिश्तों को नुकसान पहुंचायेगा।
बिफरे सांसदों ने जताया विरोध
सदन की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने एक बयान में कहा, यह आश्चर्यजनक है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ना केवल सऊदी अरब की भयावह करतूतों पर आंखें बंद कर ली बल्कि उससे भी एक कदम आगे जाकर सऊदी को अधिक से अधिक हथियारों की बिक्री की अनुमति देने का फैसला किया है।
अब सऊदी इसका इस्तेमाल दुनिया भर में अधिक मानवाधिकारों का उल्लंघन करने में करेगा, जमाल खशोगी की हत्या जैसे क्रूर अत्याचार में भी सऊदी पर ही आरोप है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने शर्मनाक वीटो से सदन के फैसले को कुचलने का काम किया है।
ट्रंप का यह तीसरा वीटो
बता दें कि हथियारों की बिक्री रोकने के इस प्रस्ताव पर को अमरीकी सीनेट ने मंजूर किया था लेकिन अब राष्ट्रपति ट्रंप ने इसपर वीटो लगा दिया। इस वीटो के साथ यह तीसरी बार है जब ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद से सीनेट की ओर से पारित प्रस्ताव पर वीटो लगाया है।
सदन में इस प्रस्ताव को बहुमत से पास किया गया था। हालांकि ट्रंप के वीटो को निरस्त करने के लिए प्रस्ताव को 50 वोटों की जरूरत थी।
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बता दें कि मध्यपूर्वी इलाकों में फैले तनाव के बीच ट्रंप ने सऊदी अरब, यूएई और जॉर्डन से 22 डील करने की योजना बनाई है। वहीं, आलोचकों का कहना है कि हथियारों की बिक्री से यमन जैसे इलाकों में भयंकर युद्ध की स्थिति पैदा होगी।