बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोठली निवासी मनीषा पति दिलेश्वर राम उम्र 27 वर्ष 9 माह की गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा होने पर वह गुरुवार को शंकरगढ़ अस्पताल गई थी। यहां चिकित्सकों ने उसकी जांच कर बताया कि बच्चे की धडक़न का पता नहीं चल रहा है।
इमरजेंसी में भी तत्काल नहीं हुई सोनोग्राफी
महिला के पति ने सोनोग्राफी कर रहे डॉक्टर को स्थिति से अवगत कराया, लेकिन इमरजेंसी में उसका सोनोग्राफी तत्काल नहीं की गई। करीब 1 घंटा तक महिला लाइन में खड़ी थी।
परिजन ने लगाया लापरवाही का आरोप
इधर महिला के पति दिलेश्वर ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि एक सप्ताह पूर्व ही सोनोग्राफी कराई थी। इसमें पूरी रिपोर्ट ठीक बताई गई थी। अचानक स्थिति कैसे खराब हो गई। उसने बताया कि प्रसव पीड़ा से तड़प रही पत्नी को सोनोग्राफी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।
बच्चे की नहीं चल रही थी धडक़न
गर्भ में बच्चे की धडक़न नहीं चलने का कारण बताकर शंकरगढ़ अस्पताल से महिला को रेफर किया गया था। यहां डॉक्टर ने जांच किया। इसके बाद प्रशिक्षु डॉक्टर अंकिता के साथ भेजकर उसकी सोनोग्राफी कराई गई। इसी बीच प्रसव पीड़ा बढ़ गई और बालकनी में मृत बच्चे को उसने जन्म दिया।
डॉ. जेके रेलवानी, सिविल सर्जन, मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर