अंबिकापुर. Sandeep murder case: बहुचर्चित संदीप लकड़ा हत्याकांड के मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय व उसके चालक राजा यादव से विशेष पूछताछ के लिए पुलिस ने 3 दिनों के लिए रिमांड पर लिया है। मामले में एसपी योगेश पटेल ने बताया कि घटना के बाद (Sandeep murder case) आरोपी अपने चालक के साथ फरार हो गया था। आरोपी काफी दिनों तक नेपाल में अलग-अलग स्थान बदलकर रह रहा था। ट्रेस होने से बचने के लिए वीपीएन के जरिए टेलीग्राम का उपयोग किया करता था। पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए नेपाल पहुंचकर ठिकानों पर दबिश दे रही थी। इससे आरोपी वहां से भागकर सोमवार को अंबिकापुर कोर्ट पहुंचकर सरेंडर करने की तैयारी में था। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
एसपी ने मामले में बताया कि छड़-सीमेंट चोरी का आरोप लगाकर अभिषेक पांडेय ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर ७ जून को संदीप लकड़ा की पीट-पीटकर हत्या (Murder in Chhattisgarh) कर दी थी। उसके बाद 8 जून को उसकी लाश मैनपाट के ग्राम लुरैना बड़वापाट में पानी टंकी के नीचे दफन कर दिया था। 6 सितंबर को उसकी लाश मिली थी।
तब से मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय अपने चालक राजा यादव के साथ फरार चल रहा था। वहीं मामले में पहले चरण में प्रत्यूश पाण्डेय, गुड्डू कुमार, तुलेश्वर तिवारी, शैल शक्ति साहू को गिरफ्तार (Sandeep murder case) किया गया था। इसके बाद विवेचना के क्रम में गौरी तिवारी, राहुल उर्फ दीपांशु महाराज एवं गोदाम की रखवाली करने वाले आरोपी जहांगीर अंसारी व मो. सब्बा अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
कैब ड्राइवर के नाम से खरीदी थी सिम
एसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय (Sandeep murder case) अपने चालक राजा यादव के साथ फरार था। भागने के क्रम में दोनों बिलासपुर पहुंचे तथा अपने बहन दामाद राहुल उर्फ दीपांशु महाराज से सहायता ली थी।
इनके सहयोग से अभिषेक पांडेय ने अपने बहन दामाद के घर धमतरी के पास घटना में प्रयुक्त इन्नोवा को रखकर व दीपांशु महाराज से 50 हजार नगदी व क्रेडिट कार्ड लेकर कैब की सहायता से जगदलपुर चला गया था।
यहां कैब ड्राइवर के नाम से सिम खरीदकर व्हाट्सअप कॉल के माध्यम से अपने बहन दामाद राहुल उर्फ दीपांशु महाराज से संपर्क में था। सहयोग प्रदान करने के मामले में पुलिस ने दीपांशु महाराज को गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया था।
Sandeep murder case: नेपाल में टेलीग्राम का करता था उपयोग
गिरफ्तारी के डर से आरोपी (Sandeep murder case) अपने साथी राजा यादव के साथ हैदराबाद, तिरुपति, बैंगलोर, भोपाल, ग्वालियर, झांसी, अयोध्या व गोरखपुर होते हुए नेपाल बॉर्डर चला गया था। दोनों नेपाल के काठमांडू, पोखरा, कपील वस्तु, महेन्द्रनगर में कई दिनों तक अलग-अलग ठिकानों में रहकर फरार चल रहे थे।
आरोपी नेपाल के अलग-अलग लॉज होटल में फर्जी नाम, पता बताकर लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। अभिषेक नेपाल में ट्रेस होने से बचने हेतु वीपीएन के जरिये टेलीग्राम का उपयोग किया करता था।
आरोपी की गिरफ्तारी हेतु गठित विशेष टीम नेपाल गई थी। यहां पुलिस की दबिश को देखते हुए आरोपी वहां से भागकर अंबिकापुर पहुंचा और कोर्ट में सरेंडर करने की तैयारी में थे, जिसे पुलिस ने सोमवार गिरफ्तार कर लिया था।
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