जर्जर एनएच-43 का निर्माण वर्ष 2017 में शुरू कराया गया था। लेकिन किसी कारण निर्माण कंपनी एनटीए डिफॉल्ट के कारण एनसीएलटी में चली गई, इस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दो सालों के लिए निर्माण कार्य रोक दिया गया। इसके बाद पुन: 2019 में उस कंपनी को पेटी कॉन्ट्रैक्टर के रूप में बहाल कर काम शुरू कराया गया। इसके बाद से निर्माण कार्य कछुए की चाल से चल रहा है। इसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
4 बार राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दिया जा चुका है एक्सटेंशन
74 किलोमीटर एनएच पर सडक़ निर्माण कराने में विभाग को लगभग 6 वर्ष लग चुके हैं, इसके बावजूद भी काम पूर्ण नहीं हुआ है। एनएच के अधिकारियों के अनुसार इन 6 साल में अब तक विभाग द्वारा ठेकेदार को लगभग 4 बार एक्सटेंशन दिया जा चुका है।
वर्ष 2017 से चल रहा निर्माण
अंबिकापुर-पत्थलगांव एनएच-43 का निर्माण वर्ष 2017 से चल रहा है। 74 किमी सडक़ का निर्माण होना है। विभाग व निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण 6 साल बीतने के बाद भी 74 किमी सडक़ का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है। अभी भी 4 किमी सडक़ का निर्माण बाकी है। इसमें जगह-जगह पुल पुलियों का निर्माण अधूरा है।
15 प्रतिशत बढ़ा बजट
300 करोड़ की लागत से बनने वाली सडक़ का निर्माण समय पर पूर्ण नहीं होने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय को 15 प्रतिशत का अतिरिक्त भार पड़ा है। एनएच के अधिकारी बताते हैं कि समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण अब यह राशि 315 करोड़ से अधिक बढ़ सकती है।
विलम्ब होने का कारण वर्ष 2017 में कंपनी के एनटी में जाने से काम बन्द होना था। पुन: 2019 में पेटी कॉन्ट्रैक्टर द्वारा काम शुरू किया गया है। इसके बाद भी मुआवजा वितरण सहित कई अड़चनें आने के कारण विलंब हुआ है। जुलाई तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
नितेश तिवारी, ईई, एनएच विभाग